इज्ज़त की रोटी: एक छोटी सी कविता, राहुल गांधी के नए घटिया नारे के जवाब में । आशा है आपको पसंद आएगी - दे रही भीख तू जनता को, तेरी नीयत है कितनी खोटी, हम पढ़े -लिखे परिवारों से, खायेंगे मेहनत की रोटी। संघर्ष हमें करना आता, आराम किसे कब है भाता, तुम तो आलस में पले -बड़े, हम अपने पांव पर हैं खड़े। इज्ज़त-सम्मान क्या पता तुझे, घर पर बैठे - बैठे खाए, बहा खून पसीना है मेरा, तेरी भीख मुझे कैसे भाए। एक साल में तीन सौ पैंसठ दिन, बस सौ दिन का ही काम मिला, तु समझ क्या रहा है हमको, तेरी सत्ता को हम देंगे हिला। आज़ादी के सरसठ सालों में, तिरप्पन साल थे तुम्हें दिए, बस करते रहे हो सत्यानाश, हम लाचारी -बेबसी जियें ? अब अंत समय आया तेरा, ठुकराते हैं तेरी रोटी, नहीं संभलेगा भारत तुझसे, तेरी सोच रही कितनी छोटी। अब सुन जनता का हुंकारा, जिसे तडपा कर तुने मारा, कीचड़ जो तूने किया बहुत, अब कमल वहीँ खिलने वाला। हम पुरा खाना खायेंगे, मेहनत से पैसे कमाएंगे, भारत को बढ़ना है आगे, हम घर घर कमल खिलाएंगे। Solve this, if u think.....u r brilliant..😇 1. I am a 11 letter Indian city. 2. Last 6 letters is fruit name. 3. 7,8,3 letters is a bird name. 4. 6,7,5,3 is an organ in the face. 5. 1,8,3 is used 4 studnt 6. 9,5,3 is a soap name 101% brain work. Reply
Posted on: Fri, 25 Oct 2013 14:52:18 +0000
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