उत्तर प्रदेश में तथागत बुद्ध से जुड़े बहुमात्रा में स्थान है, सम्पूर्ण संसार में तथागत बुद्ध को मानने वालो की संख्या कथित हिन्दुओं से ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में एक "ताजमहल" है जो विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता हैं लेकिन ताजमहल के पर्यटन से अधिक आय, न तो श्री राम की अयोध्या से आती है और न ही श्री कृष्ण की मथुरा से। पर तथागत बुद्ध से जुड़े स्थान उत्तर प्रदेश को अधिकतम पर्यटन आय देते हैं जिसमें विदेशी आय भी शामिल है । सुश्री मायावती जी के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में तथागत बुद्ध से जुड़े किसी भी स्थान पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया, यह उनसे बहुत बड़ी भूल हुई और उनके कार्यकाल में लखनऊ से तथागत बुद्ध के स्थानों तक पहुँचने वाली सड़को का बुरा हाल रहा, अखिलेश यादव जी से इसलिए आशा नहीं क्योकि उनको लगता होगा कि बुद्ध मायावती जी के वोटर दलितों के भगवान् है । राज्य की आय के विषय में सजग सरकारों के शासनकाल में ही उत्तर प्रदेश के बुद्धिस्ट स्थानों का भला हुआ या शेष विदेशी संस्थाओं ने किया। जब उत्तराखंड सरकार कथित हिन्दुओं के केदारनाथ को लेकर जागृत है तो उत्तर प्रदेश सरकार दुनिया के हिन्दुओं से अधिक बौद्धों के स्मारकों और स्थानों को लेकर सजग क्यों नहीं? खैर बिहार में तो इससे भी बुरा हाल है क्योकि बिहारी यह नहीं समझ पाए जो उत्तराखंड वाले समझे हुए है।
Posted on: Tue, 02 Jul 2013 17:05:49 +0000
Trending Topics
Recently Viewed Topics
© 2015