ऐसे ही कई लाशों पर आजतक - TopicsExpress



          

ऐसे ही कई लाशों पर आजतक कायम है, कांग्रेस की सत्ता .... नेहरू-गाँधी परिवार ने सता के लिए लाखों लोगों को मौत के घाट उतरा है. और उन् हत्याओं के हजारों सबूत सीबीआई को सौंप ने के बाद भी कार्बाई हुई ही नही, क्यूँ की सत्ता तोह आज तक उन्ही के पास है. बस एक बार single majority में कोई लौह परुष ( मोदी जी ) आ जाये , तब चुन चुन कर उन् हत्यारे congression को सजा इ मौत हम देंगे.. १ - खुद को स्वाधीन भारत का पहला प्रधानमंत्री बनाने के लिए , पहली बार नेहरू ने हिन्दू-मुस्लिम दंगा करबाया. .सेंकडो लाशें बिखर गए...उस दंगे का ज़िक्र कब क्यूँ नही हो रहा ? २ - कांग्रेस सरकार द्वारा जम्मू के प्रधानमन्त्री को अपने राज्य के लिए अलग झंडा फहराने की अनुमति दी थी। इस बात का विरोध करने जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी 11मई 1953 को श्रीनगर तो वहां उन्हें नज़रबंद कर दिया गया। कुछ दिनों बाद मुखर्जी की लाश उनके कमरे में मिली।उनकी लाश का पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ और उनकी लाश को सीधे मुखर्जी के गृह प्रदेश कोलकाता भेज दिया गया। गुत्थी आज भी उन्सुल्झी है... ३ - शास्त्री जी 11 जनवरी 1966 में पाकिस्तान से समझौते के लिए ताशकंद गए थे। जिस जगह वह रुके हुए थे वहीं पर रात में उन्हें दिल का दौर आया और उनकी मौत हो गयी। उस समय उनकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि उनके पति की मौत खाने में ज़हर दिए जाने से हुई है।.....सीधा सीधा आरोप इंदिरा गाँधी पर था, सबूत भी बहुत मिले पर no action .. ४ - आज़ाद हिन्द फ़ौज के मुखिया और और क्रांतिकारी रहे सुभाष चन्द्र बोस की मौत के बारे में आज तक अनिश्चितता बनी हुई है। रिपोर्टों के अनुसार बोस की मौत जापान के ताईपेई शहर में 1945 में हुए प्लेन क्रैश में हुई थी।...पर सच कुछ और ही है..वेह १९७४ तक जिंदा थे ..इसके पीछे भी गाँधी और नेहरू की साजिश थी. ०५ - 3 जनवरी 1975 को उस समय के बहरत सरकार के रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र की मौत हुयी थी। बिहार में रेल लाईन का उद्घाटन करने गए मिश्र को वहीँ पर बम से हमला करके उनकी हत्या कर दी गई। यह ह्त्या की गुत्थी अभी तक अनसुलझी हुई है। ०६ - बेअंत सिंह की ह्त्या 31 अगस्त 1995 को एक बम धमाके में कर दी गई थी। इस धमाके में चौदह अन्य लोग भी मारे गए थे। पंजाब से अलगाववादियों के खिलाफ कारवाई करने में इनका नाम प्रमुखता से लिया जाता है। ०७ - चंद्रशेखर प्रसाद ...जेएनयू से पढ़ाई ख़त्म करने के बाद प्रसाद बिहार के शहर सिवान चला गया। सीपीआई एमएल का यह कार्यकर्ता बहुत ही तेज़ तर्रार था । 31 मार्च 1997 को सिवान में श्याम नारायण यादव के साथ रैली करते हुए इसे गोलियों से भून दिया गया था। ०९ - फूलन देवी...25 जुलाई 2001 सांसद फूलन देवी की ह्त्या दिल्ली में कर दी गयी थी।यह हत्या क्यों हुई इस पर अभी तक रहस्य है। १० - 2003 में गुजरात के इस गृह मंत्री की लाश सुबह के समय कार में रहस्यमय परिस्थितियों में पाई गयी थी। बीजेपी के इस नेता की मौत से अभी तक पर्दा नहीं हटा है। आरोप कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ था... ऐसे ही बहुत से लोगों को मार दिया गया emergency के आढ़ में १९७५ से १९७७ के अन्दर , इंदिरा गाँधी द्वारा...
Posted on: Fri, 28 Jun 2013 15:38:11 +0000

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