ऐ पैगम्बर! तुमसे लूट के माल का हुक्म पूछते हैँ, कह दो कि लूट का माल तो अल्लाह और पैगम्बर का है। और रखो कि जो चीज तुम लूट कर लाओ उसका पांचवाँ हिस्सा खुदा का और पैगम्बर का और पैगम्बर के रिश्तेदारोँ का, अनाथोँ का और गरीबो व मुसाफिरोँ का है।(सूरा अनफाल आयत 41) समीक्षा- क्या खुदा और पैगम्बर पर इतनी गरीबी और भुखमरी आ पड़ी थी कि चोरी,डकैती व लूट कराकर उससे दोनो अपनी गुजर करते थे? प्रजा की लूट करना, लूटकर गरीब स्त्री व पुरूषो को बर्बाद कर देना उनको बेसहारा बना देना यह बहुत नीचता का काम होता है। उसपे अपना, पैगम्बर व उसके रिश्तेदारोँ का घर बैठे हिस्सा भी बांध लिया। मित्रो अच्छी बातेँ न तो अरबी खुदा को आती थी न उसके पैगम्बर को।
Posted on: Tue, 10 Sep 2013 10:06:00 +0000
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