प्रधान मंत्री पद के लिए छटपटाते भाजपा के नरेंद्र मोदी की इस बात में दम है कि उन्होंने चाय बेची है , ईमान नहीं बेचा . दर असल मोदी कभी अपने अग्रज की चाय की थडी पर काम करते थे . इसी को लेकर अभिजात्य और चाटुकार संस्कृति के गू से सने कांग्रेसी उनका उपहास उड़ा रहे हैं . यह बात अलग है की गुजरात का मुख्य मंत्री बनने पर मोदी ने हिंसा का तांडव कर सबको दहला दिया , पर लाठी और लंगोटी वाले गांधी की कांग्रेस अब भू भक्षी बादरा के रंग में इस तरह रंग चुकी है की उसे देश का श्रम जीवी वर्ग अब विद्रूप लगने लगा है . थू है ऐसे चाटुकारों और कोयला दलालों पर जिनकी ज़बान और नीयत इतनी काली है
Posted on: Sat, 16 Nov 2013 04:48:47 +0000
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