मुस्लमान बहुत चालाक हैं, और हिंदू बेवकूफ, मुसलमानों ने जामिया-मिलिया-इ स्लामीया, अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी और जे.एन.यु. सेजर्नलिस्म की शिक्षा प्राप्त कर के मिडिया में अपनी पैठ बनाई, और एन.जी.ओ. बना कर सेकुलरवाद का हौवा खड़ा कर के हिंदू सेकुलरवादी जमात खड़ी कर दी है, और हिंदू सिर्फ पैसा कमाने में व्यस्त है, जब मुस्लमान देश की राजनीति पर कब्जा करने की त्यारी कर रहे हैं, हिंदू युवा मस्ती और अयाशी में खोये हुए हैं, और अपने धर्म को हेय द्रष्टि से देखते हैं और व्यभ्चारी पश्चिमी सभ्यता को अपना आदर् मान कर उसका अनुसरण करते हुए धर्म से विमुख हो कर एक जाल में फसते जा रहे हैं, और दूसरी तरफ मुस्लमान अपनीसधी हुई चाल चलते हुए देश में अपने मुताबिक राजनीति को मोड़ दे रहे हैं, जो चाणक्य ने किया वोही आज मुस्लमान कर रहे हैं, मुस्लमान राजनीतिग्यों को काबू कर के देश की सत्ता को अपने कब्जे मेंकर चुके हैं, और हिंदू बेखबर हैं, और ये हिन्दुओं का दुर्भाग्य है की आज सिर्फ एक ही पार्टी उनके लिये सोच रही है, मगर वो इतनी अकेली पड़ चुकी है की वो शायद कुछ ना कर पाये क्यूंकि हिंदू आपस में बटेंहुए हैं, और इस का फायेदा मुस्लमान उठा रहेहैं !! क्या हिंदू कभी एक होंगे ???? आप अपनी मत व्यक्त करिये !!
Posted on: Mon, 08 Jul 2013 08:52:19 +0000
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