मित्रो हमेशा साईं भक्तो से कुछ पूछो तो बिना जवाब दिए ॐ ## राम कह कर भाग जाते है,,,,,,,,,,,,, ,,,,,,,और पता नहीं क्यों अपने ही भगवान् की जीवनी सुनना नहीं चाहते.... पर हम भी हार नहीं मानेगे,,,,,इस पाखंड को दूर करके रहेगे.... आखिर साईं भक्त अगर इश्वर और लल्ला(अल्लाह) को एक मानते है और कहते है की हिन्दू मुस्लिम एकता स्थापित करने के लिए आए थे,,,,तो सिर्फ शिव या राम ही के साथ साईं क्यों...?अल्लाह साईं या अल्लाह के अवतार साईं क्यों नहीं कहते मुसलमान...? और साईं खुद कभी क्यों नहीं कहता था की इश्वर और अल्लाह एक है,,,,क्यों वो सिर्फ यही कहता था की-"सबका मालिक एक,अल्लाह मालिक" क्यों सिर्फ कुरान या फातिमा पढता था,,,,यदि वो राम/शिव/दत्ता त्रेय का अवतार था तो संस्कृत में कभी क्यों नहीं बोला ....? क्यों कभी राम या ॐ नहीं बोला जिन्दगी भर...क्यों कभी ॐ नमः शिवाय नहीं बोल...? क्यों कभी वेद, गीता या रामायण छुई तक नहीं....भगवान् अपने हर अवतार का अंत करते समय एक बार अपना असली रूप जरूर सभी को दिखाते है,,,,साईं क्यों सिर्फ अपने चेले को दिखाई देता था । साईं क्यों सभी के सामने शिव/विष्णु नहीं बने.....? अगर्र सच्चे साईं भक्त हो तो जवाब जरूर दे...... एडमिन-ॐ
Posted on: Thu, 04 Jul 2013 07:18:50 +0000
Trending Topics
Recently Viewed Topics
© 2015