लश्कर के कुख्यात आंतकी अब्दुल करीम टुंडा को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। टुंडा को भारत नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया है। 40 से ज्यादा बम धमाको का आरोपी टुंडा लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी है और उसे बम बनाने में माहिर माना जाता है। अब्दुल करीम टुंडा दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद का करीबी माना जाता है। पिछले कई सालों से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बना टुंडा आखिरकार शिकंजे में आ गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में टुंडा को दिल्ली-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया है। बम बनाने में माहिर टुंडा दाऊद का करीबी और बम बनाने का एक्सपर्ट माना जाता है। कौन है टुंडा? पूरा नाम- सईद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा उम्र- करीब 70 साल मूल निवासी- पिलखुआ, गाजियाबाद, यूपी भाषा- हिंदी, गुजराती, उर्दू और अंग्रेजी परिवार- पत्नी और दो बच्चे (पाकिस्तान में) साल 1993 में हुए सिलसिलेवार धमाकों की जांच में पहली बार टुंडा का नाम सामने आया, लेकिन गिरफ्तारी से पहले ही वो फरार हो गया। टुंडा का आपराधिक सफर बहुत हैरान करता है। टुंडा को 80 के दशक में आईएसआई ने ट्रेनिंग दी। इसके बाद पहली बार टुंडा का नाम 1993 धमाकों में आया। 1994 में अजमेर की कोर्ट में चार्जशीट में उनका नाम दर्ज किया गया। ऐसा बताया जाता है कि 1996 से 1998 के बीच टुंडा ने 40 बम धमाकों की वारदातों को अंजाम दिया। दिल्ली, पानीपत, सोनीपत, लुधियाना, कानपुर और वाराणसी धमाकों से टुंडा का नाम ही जुड़ा है। देशभर में टुंडा पर 33 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 21 मौत के मामलों में आरोपी है टुंडा। टुंडा का आतंकी संगठनों लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद और जमात-उद-दावा से भी संबंध रहा है। इसीलिए इंडिया मोस्ट वांटेड लिस्ट में 15वां नंबर पर है टुंडा का नाम। लेकिन इस बीच साल 2000 से 2005 तक अफवाह थी कि टुंडा मारा गया है। हालांकि इसके बाद 2005 में केन्या में टुंडा को गिरफ्तार किया गया, जहां से वह फरार होने में कामयाब हो गया। पिछले दो सालों से टुंडा के बांग्लादेश और नेपाल में छिपे होने की खबर थी।
Posted on: Sat, 17 Aug 2013 08:00:09 +0000
Trending Topics
Recently Viewed Topics
© 2015