शलभ तिवारी मैं ये सोच रहा हूँ की अगर कहीं कपिलदेव यादव सर्वोच्च न्यायालय में slp दाखिल करे और कोर्ट उसके वकील से पूछे ये कपिलदेव यादव है कौन, किस हसियत से उसने ये slp डाली है तो उसका वकील क्या कहेगा,,,,, यद्यपि मैं तो वहां मौजूद नहीं रह सकता लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के जज के घर एक रजिस्ट्री भेजकर ये तो बता ही सकता हूँ की सर इसी कपिलदेव यादव ने स्टे लगवाकर टेट मेरिट से चयन के विरुद्ध षड्यंत्र रचकर बालकों की शिक्षा के मूल अधिकारों के साथ खिलवाड़ किया था जिसके चलते उत्तर प्रदेश के गरीब बालक आज तक गुणवत्तापरक शिक्षा देने में सक्षम शिक्षकों के इन्तजार में पढाई-लिखाई छोड़कर पलकें बिछाए बैठे हैं,,,,... इसका नतीजा क्या होगा होगा ? जज साहब कहेंगे,,,,, पहला काम तो ये करो कि इसको इसी वक्त गोली मार दो जिससे टेट मेरिट के खिलाफ कुछ करने से पहले कोई व्यक्ति सौ बार सोचे....बाद में जो होगा निपट लिया जाएगा... आज तो अखिलेश यादव ने भी जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आशावासन दे दिया,,, अब सवाल यह है की कपिलदेव यादव कोर्ट में पार्टी किसे बनाएगा,,,, पन्द्रहवां संशोधन लागू किया सरकार ने और निरस्त किया कोर्ट ने तो सरकार से जबरदस्ती तो अपील करवाई नहीं जा सकती और इलाहाबाद उच्च न्यायालय को पार्टी बनाया नहीं जा सकता,,,, सबसे ज्यादा आनंद तो तब आएगा जब टेट मेरिट से चयन के लिए पद बढ़ाये जायेंगे और OBC की टेट मेरिट 92 पर आकर थम जायेगी..... कपिलदेव यादव मात्र एक नंबर से बाहर..... हहहहाहा
Posted on: Tue, 26 Nov 2013 09:05:51 +0000
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