२० हजार सैकंड ग्रेड शिक्षकों को घाटा बीकानेर त्न राज्य कर्मियों के वेतनमान और ग्रेड पे परिवर्तन के कारण स्कूली शिक्षा में 20 हजार से अधिक सैकंड ग्रेड शिक्षकों को घाटा हुआ है। उनका न्यूनतम वेतनमान कम आंका गया है। राज्य कर्मियों को दिए गए वेतनमान और ग्रेड पे में विसंगतियां अब उजागर होने लगी हैं। सैकंड ग्रेड शिक्षकों का न्यूनतम वेतन 14430 रुपए ही रह गया है। जबकि इस अनुपात में तृतीय श्रेणी और व्याख्याता के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी इनसे अधिक हुई है। राज्य में एक जुलाई 2013 से न्यूनतम वेतन में वृद्धि की गई है। वित्त विभाग के आदेशों में 4500-7000 वाले तृतीय श्रेणी को पांच हजार मूल वेतन पर मानकर न्यूनतम वेतन 12900 किया गया है और 6500-10500 वाले स्कूली व्याख्याता को 7500 मूल वेतन पर मानकर 18750 न्यूनतम वेतन दिया गया है। जबकि 5500-9000 वाले सैकंड ग्रेड शिक्षक को छठा वेतनमान देते समय जनवरी 2006 में 5500 मूल वेतन पर मानकर न्यूनतम वेतन 13830 दिया गया था और जुलाई 2013 से भी इन्हें 5500 वेतन पर ही मानकर 14430 न्यूनतम वेतनमान दिया गया है। इस विसंगति से तृतीय श्रेणी को 1730 रुपए और व्याख्याता को 2400 रुपए मूल वेतन का लाभ हुआ है, जबकि सैकंड ग्रेड शिक्षक को केवल 600 रुपए का ही लाभ हुआ है। इससे राज्य में 20156 सैकंड ग्रेड शिक्षक प्रभावित हुए हैं। प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री महेन्द्र पांडे ने मांग की है कि सैकंड ग्रेड को 6500 मूल वेतनमान कर न्यूनतम 16290 मूल वेतन का लाभ दिया जाए।
Posted on: Sun, 22 Sep 2013 06:30:02 +0000
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