"Our lives begin to end the day we become silent about the things that matter and happen around us." "हमारी जिंदगी उस दिन समाप्त होना प्रारंभ होती है जिस दिन हम अपने चारों ओर होने वाले घटना जो हमारे लिए अहमियत रखती है को यूँ ही शांत बैठ कर छोड़ देते है !" प्रिय मित्रो , सुप्रभात ! स्वतंत्रा दिवस की पुण्य तिथि फिर से हमारे दरवाजे पे दस्तक दे रही है ! फिर से लाल किले के प्राचीर से एक भव्य भारत का दर्शन होगा ! हम खुश है , अपने इस गौरवमयी दिन को याद कर के ! परन्तु हमने कभी सोचा है कि ये दिन हमें कैसे नसीब हुआ ? ये हमारे शहीदों की शहादत है , उनकी बलिदान है जो आज हम स्वतंत्र और सशक्त भारत के नागरिक है ! वो डरपोक और बुजदिल नहीं थे बल्कि वीर , महान और कर्म मे इमानदार व्यक्ति थे ! और ये घटना कोई सहस्त्रिदियो की नहीं जो की भरोषा करने में कठिनाई हो बल्कि इस सदी की है जिनकी कहानी हमने अपने माँ , पिता और दादा दादियो से जुबानी सुनी है ! आज भारत माँ को उन्ही वीर पुरूष और वीर महिलाओ की जरुरत है , शहादत की जरुरत है , लहु बहाने की नहीं बल्कि संघर्ष करने की जरुरत है ( क्योकि हमारे पूर्वज हमें संविधान दे गये है ) ! भ्रष्टाचार आज हमारे देश को चुनौति दे रहा है और आम इन्सान इसके अलावे बहुत अन्य समस्यों से त्रस्त है ! अब आप चुप न बैठे कुछ बोले , भारत माँ आपसे यही अपेक्षा करती है ! जय हिंद !
Posted on: Sun, 11 Aug 2013 03:41:08 +0000
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