1951 में समाजवादी पार्टी का सम्मेलन चल रहा था. राममनोहर लोहिया अध्यक्ष थे. पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण से संबंधित एक प्रस्ताव पर बहस चल रही थी. मधु लिमये नाम के ब्राह्मण समाजवादी ने पिछड़े वर्गों को जाति की बजाय आर्थिक आधार पर आरक्षण का प्रस्ताव पास किए जाने की माँग की. आर.एल. चंदापुरी ने इस बात का जबर्दस्त विरोध किया और मामला इतना गरम हो गया कि आरक्षण का प्रस्ताव ही पारित नहीं हो सका, न आर्थिक आधार पर न जाति के आधार पर. यही मधु लिमये पिछड़े वर्गों के आरक्षण से संबंधित इंद्रा साहनी के केस में एक पार्टी बना और उसने आरक्षण में क्रीमी लेयर का प्रावधान करने की माँग की जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया.
Posted on: Sat, 24 Aug 2013 06:17:35 +0000
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