By : Shirdi Sai Baba - The miracle man of India पहले मै एक नास्तिक हुआ करता था , गली के धार्मिक लौंडे मुझे नास्तिक नास्तिक बोलकर चिढ़ाते थे इसीलिए मैंने लोगो से मिलना जुलना बंद कर दिआ , और कुंठित होता जा रहा था , फिर एक दिन मेरे एक मित्र कसाईं के अंधभक्त ने मुझे शिर्डी वालो की धार्मिक और नास्तिक बनो स्कीम के बारे में बताया , मैंने तुरंत शिर्डी संस्थान के पिछवाडा उठाओ, हुआँ हुआँ ऑफर का फायदा उठाया और शिर्डी वालो को 786 रु चंदा देकर एक साईं सत्चरित्र , भभूती और एक साईं भक्त का सर्टिफिकेट घर बैठे मंगा लिआ , अब मै बहुत खुश हु , दिन भर फेसबुक कसाईं के कुकर्मो को अच्छा बता कर उनका गुणगान गाता रहता हु, उनके मांस पकाने के प्रसंग को प्रसाद बता हु, थूक कर दिया जलाने की बात को दिवाली मनाना बता हु, और दूसरो के भगवानो का नाम साईं के साथ जोड़कर साईं को फेमस करने में लगा रहता हूँ , क्युकी मै हूँ एक कसाईं भक्त । कभी मंदिर नहीं गया, कभी राम को नहीं पूजा, कभी शिव को नहीं माना पर जब से साईं को माना है, साईं से मैं मैं धार्मिक भी हु और आस्तिक भी, जय कसाईं , तूने खोल दिया मटन कोरमा का ढाबा., साभार: Shirdi Sai Baba - The miracle man of India
Posted on: Fri, 15 Nov 2013 03:47:00 +0000
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