HINDI APRIL 28, 2013 पुष्प की अभिलाषा - TopicsExpress



          

HINDI APRIL 28, 2013 पुष्प की अभिलाषा – Poem by Makhanlal Ji Chaturvedi 1 Vote I can not forget my old days when I liked the HINDI language paper in 9-12th class. Below poem is written by Respected Sh. Makhanlal ji Chatuvedi Ji. Today I got these few lines. Awesome lines. :: पुष्प की अभिलाषा :: चाह नहीं मैं सुरबाला के, गहनों में गूँथा जाऊँ || चाह नहीं, प्रेमी-माला में, बिंध प्यारी को ललचाऊँ || चाह नहीं, सम्राटों के शव, पर हे हरि, डाला जाऊँ || चाह नहीं, देवों के सिर पर, चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ || मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक || मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पर जावें वीर अनेक ।। Happy Poem. Share this: Share Like this: Posted in हिंदी, hindi, memories | Leave a comment AUGUST 28, 2012 Shendur Lal Chadhayo Hindi-Marathi Lyrics 5 Votes My wife got this caller tune. I liked very much. Thought to get the lyrics for the same. That will be help full for every one. शेंदूर लाल चढायो अच्छा गजमुखको || दोंदिल लाल बिराजे सूत गौरीहरको || हाथ लिए गुड-लड्डू साईं सुरवरको || महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पदको || 1 || जय जय श्री गणराज विध्यासुखदाता || धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता || अष्टो सिद्धि दासी संकटको बैरी || विघनाविनाशन मंगल मूरत अधिकारी || कोटि सूरजप्रकाश ऐसी छबि तेरी || गंड-स्थल मदमस्तक झूले शाशिहारी || 2 || जय जय श्री गणराज विध्यासुखदाता || धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता || भावभगत से कोई शरणागत आवे || संतति सम्पति सभी भरपूर पावे || ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे || गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे || 3 || जय जय श्री गणराज विध्यासुखदाता || धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता || Let me know if there are any mistake in type. Gana Pati Bappa Morya. Share this: Share Like this: Posted in हिंदी, hindi, india, religious | Tagged bhakti, ganapati, ganesh, hindi, lord, lyrics, marathi, religious | Leave a comment MAY 6, 2012 O Ri Chiraiya Song Lyrics @ Satyamev Jayate 17 Votes O Ri Chiraiya Song Lyrics from TV serial Satyamev Jayate Song: O Ri Chiraiya Singer: Swanand Ji Kirkire Lyricist: Swanand Ji Kirkire Music Director: Ram Sampath Ji Music label: T-Series :: Video :: :: Lyrics : ओ री चिरैया, नन्ही सी चिड़िया | अंगना में फिर आजा रे || ओ री चिरैया, नन्ही सी चिड़िया | अंगना में फिर आजा रे || अँधियारा है घना और लहू से सना, किरणों के तिनके अम्बर से चुन के | अंगना में फिर आजा रे || हमने तुझपे हजारो सितम हैं किये, हमने तुझपे जहां भर के ज़ुल्म किये | हमने सोचा नहीं, तू जो उड़ जायेगी || ये ज़मीं तेरे बिन सूनी रह जायेगी, किसके दम पे सजेगा मेरा अंगना ||| ओ री चिरैया, मेरी चिरैया | अंगना में फिर आजा रे || तेरे पंखो में सारे सितारे जडू, तेरी चुनर ठनक सतरंगी बुनू | तेरे काजल में मैं काली रैना भरू, तेरी मेहंदी में मैं कच्ची धुप मलू || तेरे नैनो सजा दूं नया सपना ||| ओ री चिरैया, मेरी चिरैया | अंगना में फिर आजा रे || ओ री चिरैया, नन्ही सी चिड़िया | अंगना में फिर आजा रे || ओ री चिरैया… वाह: !! अध्भुध !!! स्वानंद किरकिरे जी, राम संपत जी को बहुत बहुत बधाई. Happy Satyamev Jayate. Share this: Share Like this: Posted in हिंदी, hindi, motivational, observation | Tagged aamir khan, hindi, hindi lyrics, lyrics, O Ri Chiraiya, satyamev jayate, satyamevjayate, satyamevjayate.in | 18 Comments JANUARY 29, 2012 Agnipath Poem in Hindi – अग्निपथ कविता 213 Votes आदरणीय श्री हरिवंश राय बच्चन जी की कविता “अग्निपथ” वृक्ष हो भले खड़े, हो घने हो बड़े, एक पत छाव की | मांग मत, मांग मत, मांग मत || अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ ||| तू न थकेगा कभी, तू न थमेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी | कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ || अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ ||| ये महान दृश्य है, चल रहा मनुष्य है, अश्रु स्वेद रक्त से | लथपथ, लथपथ, लथपथ || अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ ||| श्री बच्चन जी को शत शत वंदन. Share this: Share Like this: Posted in हिंदी, hindi, india | Tagged agnipath, अग्निपथ, कविता, हरिवंश राय बच्चन, hari vansh rai bacchan, hindi, hindi poem, poem | 53 Comments NOVEMBER 29, 2011 Achyutam Keshavam (अच्युतम केशवं ) Hindi Lyrics 52 Votes अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || -2 कौन कहता है भगवान आते नहीं, तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || कौन कहता है भगवान खाते नहीं, बेर शबरी के जैसे खिलते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || कौन कहता है भगवान सोते नहीं, माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || कौन कहता है भगवान नाचते नहीं, तुम गोपी के जैसे नचाते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || कौन कहता है भगवान नचाते नहीं, गोपियों की तरह तुम नाचते नहीं | अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं || Share this: Share Like this: Posted in हिंदी, hindi, religious, tips | Tagged Achyutam, Achyutam Keshavam, bhajan, damodar, indian, janaki, karishna, Keshavam, lord, narayan, ram, religious, vallabh, vishnu | 9 Comments NOVEMBER 27, 2011 Shiv Tandav Stotra in Sanskrit-Hindi Lyrics with easy readble format 323 Votes ||सार्थशिवताण्डवस्तोत्रम् || ||श्रीगणेशाय नमः || जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले, गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् | डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं, चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ||१|| जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी, विलो लवी चिवल्लरी विराजमान मूर्धनि | धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके किशोर चन्द्र शेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ||२|| धरा धरेन्द्र नंदिनी विलास बन्धु बन्धुरस् फुरद् दिगन्त सन्तति प्रमोद मानमानसे | कृपा कटाक्ष धोरणी निरुद्ध दुर्धरापदि क्वचिद् दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ||३|| लता भुजङ्ग पिङ्गलस् फुरत्फणा मणिप्रभा कदम्ब कुङ्कुमद्रवप् रलिप्तदिग्व धूमुखे | मदान्ध सिन्धुरस् फुरत् त्वगुत्तरीयमे दुरे मनो विनोद मद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ||४|| सहस्र लोचनप्रभृत्य शेष लेखशेखर प्रसून धूलिधोरणी विधूस राङ्घ्रि पीठभूः | भुजङ्ग राजमालया निबद्ध जाटजूटक श्रियै चिराय जायतां चकोर बन्धुशेखरः ||५|| ललाट चत्वरज्वलद् धनञ्जयस्फुलिङ्गभा निपीत पञ्चसायकं नमन्निलिम्प नायकम् | सुधा मयूखले खया विराजमानशेखरं महाकपालिसम्पदे शिरोज टालमस्तु नः ||६|| कराल भाल पट्टिका धगद् धगद् धगज्ज्वल द्धनञ्जयाहुती कृतप्रचण्ड पञ्चसायके | धरा धरेन्द्र नन्दिनी कुचाग्र चित्रपत्रक प्रकल्प नैक शिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम |||७|| नवीन मेघ मण्डली निरुद् धदुर् धरस्फुरत्- कुहू निशीथि नीतमः प्रबन्ध बद्ध कन्धरः | निलिम्प निर्झरी धरस् तनोतु कृत्ति सिन्धुरः कला निधान बन्धुरः श्रियं जगद् धुरंधरः ||८|| प्रफुल्ल नीलपङ्कज प्रपञ्च कालिम प्रभा- वलम्बि कण्ठकन्दली रुचिप्रबद्ध कन्धरम् | स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं गजच्छि दांध कच्छिदं तमंत कच्छिदं भजे ||९|| अखर्व सर्व मङ्गला कला कदंब मञ्जरी रस प्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम् | स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं गजान्त कान्ध कान्त कं तमन्त कान्त कं भजे ||१०|| जयत् वदभ्र विभ्रम भ्रमद् भुजङ्ग मश्वस – द्विनिर्ग मत् क्रमस्फुरत् कराल भाल हव्यवाट् | धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः ||११|| स्पृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्- – गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः | तृष्णारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः समप्रवृत्तिकः ( समं प्रवर्तयन्मनः) कदा सदाशिवं भजे ||१२|| कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन् विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् | विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ||१३|| इदम् हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् | हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ||१४|| पूजा वसान समये दशवक्त्र गीतं यः शंभु पूजन परं पठति प्रदोषे | तस्य स्थिरां रथगजेन्द्र तुरङ्ग युक्तां लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शंभुः ||१५|| इति श्रीरावण- कृतम् शिव- ताण्डव- स्तोत्रम् सम्पूर्णम् Added on 2012-09-17 This is one file I listen daily. In south indian tone. If you are not able to listen the file please give feedback I will add the mp3 file. Share this: Share Like this: Posted in हिंदी, hindi, india, religious | Tagged hindu, religious, shiv, shiv tandav stotra, shiva, shivtandav, sholaka, stotra, tandav, tandav stotra | 75 Comments FEBRUARY 22, 2011 Answers from Sri Sri Ravishankar of Art of Living on Lord Krishna’s Gita Question. 2 Votes Today I got mail from Rajendran Ganesan (shanthiraju.wordpress/) I am very fond of his blog. One of my favorite blog. He sent this mail… I just liked it… I am printing as it is. -=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-= An answer from Sri Sri Ravishankar of Art of Living, for a question which is grossly misunderstood by many of us, I believe. >>>> Q: Lord Krishna has said in the ‘Gita’ to sacrifice the fruits of action. Is it possible to do that in real life? Sri Sri: No, Krishna never asked you to sacrifice the fruits of action. He says, in any case you have no control over the fruits of your actions. Therefore put your attention on the performance of action. While running a race, have the attention on yourself and not on the other tracks. His advice is utterly practical. Q: Then, don’t we have to look at the competition? Sri Sri: Life is complex. Take this and that together. If you are not aware of what is happening around you, you will miss out. Improve your intuitive ability. >>>> -=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-=-= My हिंदी Translation for easy understanding. Q. भगवान कृष्ण ने ‘गीता’ में कहा है कि कार्रवाई के फल का त्याग करो, क्या यह वास्तविक जीवन में करना संभव है? A. भगवान कृष्ण नें कभी नहीं कहा है की तुम कर्म के फलो का त्याग करो. बल्कि उनका तो ये मानना है की किसी भी मामले मैं मनुष्य का कर्म के फलो पर कोई नियंत्रण नहीं है. इसलिए कार्रवाई के प्रदर्शन पर अपना ध्यान रख. जैसे की एक प्रतियोगिता की दौड़ मैं दौड़ते वक़्त मनुष्य को अपनी दौड़ मैं ध्यान केन्द्रित करना चाहिए ना की दुसरे की दौड़ पर. उनकी सलाह पूरी तरह से व्यावहारिक है. Q. तो क्या हम वास्तविक जीवन की प्रतियोगिता मैं भाग ना लेवे. ? A. जीवन जटिल है सब कुछ एक साथ ले कर चलो. यदि आप नहीं जानते हैं की तुम्हारे चारो तरफ क्या हो रहा है तो तुम गुम जाओगे. अंतर्ज्ञानी बनो. So कर्म करता जा फल की इच्छा मत कर. Happy Worship. Happy Hard Work. Happy Success. Share this: Share Like this: Posted in हिंदी, hindi, india, observation, Personal, religious, tips | Tagged gita, gita sandesh, hindi, krishna, nice, observation, question, ravi shankar maharaj, wow | 1 Comment AUGUST 15, 2010 India, happy independence day 1 Vote Happy Independence Day to everyone. Today is great day. हर वर्ष की १५ अगस्त भारत वर्ष मैं स्वंतंत्रता दिवस के रूप मैं मनाई जाती है. आज ही के दिन सन १९४७ मैं भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्ति मिली थी और आज ही के दिन भारत एक स्वंतत्र, सामाजिक और धरम-निरपेक्ष देश के रूप मैं उभरा. लीजिये प्रस्तुत है एक महान गीत ये उन सभी वीरो की याद दिलाता है जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगा कर हिंदुस्तान को आजादी दिलवाई. आईये हम सब मिलकर उन सभी वीरो को याद करे. उन सभी वीरो को शत-शत वंदन जो अपनी जान की बाजी लगा कर हमारे देश की सेवा कर रहे है. ए मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा ये शुभ दिन है हम सबका, लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर, वीरों ने है प्राण गंवाई कुछ याद उन्हें भी कर लो, कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर ना आये, जो लौट के घर ना आये. ए मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी जब घायल हुआ हिमालय, खतरे में पड़ी आज़ादी जब तक थी सांस लड़े वो, फिर अपनी लाश बिछा दी संगीन पे धर कर माथा, सो गए अमर बलिदानी जो शहीद… जब देश में थी दिवाली, वो खेल रहे थे होली जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली थे धन्य जवान वो अपने, थी धन्य वो उनकी जवानी जो शहीद… कोई सिख कोई जाट मराठा, कोई गुरखा कोई मद्रासी सरहद पे मरनेवाला, हर वीर था भारतवासी जो खून गिरा पर्वत पर, वो खून था हिन्दुस्तानी जो शहीद … थी खून से लथ-पथ काया, फिर भी बन्दूक उठाके दस-दस को एक ने मारा, फिर गिर गए होश गँवा के जब अंत-समय आया तो, कह गए के अब मरते हैं खुश रहना देश के प्यारों, अब हम तो सफ़र करते हैं क्या लोग थे वो दीवाने, क्या लोग थे वो अभिमानी जो शहीद … तुम भूल ना जाओ उनको, इस लिए कही ये कहानी जो शहीद… जय हिंद, जय हिंद की सेना जय हिंद, जय हिंद की सेना जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली थे धन्य जवान वो अपने, थी धन्य वो उनकी जवानी जब अंत-समय आया तो, कह गए के अब मरते हैं खुश रहना देश के प्यारों, अब हम तो सफ़र करते हैं जय हिंद, जय भारत.
Posted on: Sat, 24 Aug 2013 03:03:33 +0000

Trending Topics



Recently Viewed Topics




© 2015