Harshwardhan Jaiswal "पत्रकारिता पेशा - TopicsExpress



          

Harshwardhan Jaiswal "पत्रकारिता पेशा हो गयी और पत्रकार क्या हो गए ......? इंडिया न्यूज़ के दीपक चौरसिया को लाइव डिबेट में एक महिला ने यह कह दिया कि "आप पत्रकार पहलेहोते थे, अब आप दलाल हैं" यह अपने आप में दर्शाता है कि पत्रकारों का काम करने का स्तर इतना गिर गया है जिसने लोगो को ऐसा बोलने पर मजबूर कर दिया। इससे पहले भी ए बी पी न्यूज़ के विजय विद्रोही को तरुण विजय ने झाड़ मारते हुए कहा था, "शट अप, यू कांग्रेसी पत्रकार" और उसका चेहरा देखने लायक था। चैनल्स पर बैठ कर बड़ी बड़ी बातें करने वाले पत्रकार आज यह समझते हैं कि जैसे सारी समझ केवल उन्हें ही है और जो वो बोलेंगे, जनता बेवकूफ बन कर उनके कहने में चल देगी। इन पत्रकारों को अब समझ लेना चाहिए कि लोग अब जागरूक हो चुके हैं और उन्हें जागरूक करने में "सोशल मीडिया" की बहुत बड़ी भूमिका है। आज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए"सोशल मीडिया" एक चुनौती बन कर सामने आया है और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की साख अब दाव पर लगी है क्यूंकि वो अपनी विश्वसनीयता धीरे धीरे खोता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ये चैनल बहुत से संवेदनशील मुद्दों को या तो छुपा जाते हैं या तोड़ मरोड़ कर पेश करते है और इनकी ख़बरों में निष्पक्षता की झलक कम ही देखने को मिलती है। लोगो का रुझान "सोशल मीडिया" की तरफ केवल इसलिए बढ़ा, क्यूंकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने अपने अहंकार में लोगों की अनदेखी की है और सच्चाई यह है कि साधारण लोगो को अगर मीडिया में बुलाया जाये तो जो उक्त महिला ने दीपक चौरसिया को कहा, वो बहुत से पत्रकारों को सुनने को मिलेगा। "कभी पत्रकारिता एक "मिशन" हुआ करता था और पत्रकार "मिशनरी" हुआ करते थे मगर आज राजनीती के गंदे खेल में पत्रकारिता एक "पेशा" बन गयी है और पत्रकार "मर्सिनरी" (भाड़े पर काम करने वाले) जब पत्रकार भाड़े के टट्टू बन गए हैं तो इनके आय, संपत्तियों और देयताओं का लेखा जोखा उजागर होना चाहिए।
Posted on: Mon, 26 Aug 2013 14:43:44 +0000

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