Murli Point - Hindi [15-10-2013] मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - बुद्धि को यहाँ-वहाँ भटकाने के बजाए घर में बाप को याद करो, दूर-दूर तक बुद्धि को ले जाओ - इसे ही याद की यात्रा कहा जाता है प्रश्न:- जो बच्चे सच्ची दिल से बाप को याद करते हैं उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- 1.सच्ची दिल से याद करने वाले बच्चों से कभी कोई विकर्म नहीं हो सकता। उनसे ऐसा कर्म नहीं होगा जिससे बाप की ग्लानी हो। उनके मैनर्स बड़े अच्छे होते हैं। 2. वह भोजन पर भी याद में रहेंगे। नींद भी समय पर स्वत: खुल जायेगी। वह बहुत सहनशील, बहुत मीठे होंगे। बाप से कोई भी बात छिपायेंगे नहीं। गीत:- हमारे तीर्थ न्यारे हैं........ धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) किसी का भी सामना नहीं करना है, कोई कुछ कहे तो सुना-अनसुना कर देना है। सहनशील बनना है। सतगुरू की निंदा नहीं करानी है। 2) अपना रजिस्टर खराब होने नहीं देना है। भूल हो जाए तो बाप को सुनाकर क्षमा मांग लेनी है। वहाँ (ऊपर) याद करने की आदत डालनी है। वरदान:- अपनी श्रेष्ठ स्थिति द्वारा भटकती हुई आत्माओं को श्रेष्ठ ठिकाना देने वाले लाइट स्वरूप भव जैसे स्थूल रोशनी (लाइट) पर परवाने स्वत: आते हैं, ऐसे आप चमकते हुए सितारों पर भटकी हुई आत्मायें फास्ट गति से आयेंगी। इसके लिए अभ्यास करो - हर एक के मस्तक पर सदा चमकते हुए सितारे को देखने का। शरीरों को देखते भी न देखो। सदा नज़र चमकते हुए सितारे (लाइट) तरफ जाये। जब ऐसी रूहानी नज़र नेचुरल हो जायेगी, तो आपकी इस श्रेष्ठ स्थिति द्वारा भटकती हुई आत्माओं को यथार्थ ठिकाना मिल जायेगा। स्लोगन:- सेवा के महत्व को जान कोई न कोई सेवा में बिजी रहने वाले ही आलराउन्ड सेवाधारी हैं।
Posted on: Tue, 15 Oct 2013 04:03:26 +0000
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