Reality of Sai Baba: Via : Shirdi Sai Baba - The miracle man of India वे किसी पर निर्भर नहीं रहते थे और न ही किसी को इस संबंध में कष्ट ही दिया करते थे । प्रथमतः वे स्वयं बाजार जाकर सब वस्तुएं – अनाज, आटा, नमक, मिर्ची, जीरा खोपरा और अन्य मसाले आदि वस्तुएँ नगद दाम देकर खरीद लाया करते थे । यहाँ तक कि पीसने का कार्य भी वे स्वयं ही किया करते थे । मसजिद के आँगन में ही एक भट्टी बनाकर उसमें अग्नि प्रज्वलित करके हंडी के ठीक नाप से पानी भर देते थे । हंडी दो प्रकार की थी – एक छोटी और दूसरी बड़ी । एक में सौ और दूसरी में पाँच सौ व्यक्तियों का भोजन तैयार हो सकता था । कभी वे मीठे चावल बनाते और कभी मांसमिश्रित चावल (पुलाव) बनाते थे । कभी-कभी दाल और मुटकुले भी बना लेते थे । पत्थर की सिल पर महीन मसाला पीस कर हंडी में डाल देते थे ।
Posted on: Mon, 23 Sep 2013 04:01:45 +0000