Sachins retirement in raanjhana style - TopicsExpress



          

Sachins retirement in raanjhana style :- . . . . . . . बस इतनी ही on field कहानी थी मेरी एक team थी, जो बगल में खड़ी थी ये हज़ारों लोग जो अब भी इस उम्मीद में थें कि शायद मैं फ़िर से bat उठा लूँ एक wife थी, जो रो रही थी एक fan था जिसने अपना सब कुछ हार दिया था मुझपे मेरी बेटी थी, बेटा था, Wankhade का ground था एक हमारा career था, जो हमें छोड़ चूका था और एक हमारा सीना था, जिसमे अभी भी आग बची थी हम bat उठा सकते थें, पर... हम फ़िर से shots लगा सकते थें, पर... मेरा प्यार क्रिकेट, stadium कि गूंज, चौके, छक्के... सब मुझसे छूट रहे थें पर रख भी किसके लिए लेते मेरे सीने की ये आग या तो मुझे फ़िर से खिलवा सकती थी, या मुझे फ़िर से रूला सकती थी पर साला अब kit उठाये कौन, कौन फिर से मेहनत करे shots लगाने को, records बनाने को अबे कोई तो आवाज़ देके रोक लो! ये fans जो नाम आँखें लिए बैठे हैं आज भी, अगर बोल दें, तो cricket कीं कसम वापस खेलने आ जायेंगे पर नहीं! अब साला मूड नहीं है. आख़िरी विदाई लेने में ही सुख है, स्टेडियम छोड़ कर जाने में भलाई है पर फ़िर किसी रोज़ आयेंगे इसी ground के किनारे ball उठाने को, इनही pitches पर दौड़ लगाने को, Cricket की ishq में फ़िर से पड़ जाने को ¡¡ - aur hum bhi aapka intezar kareng miss u lot
Posted on: Sun, 17 Nov 2013 19:10:36 +0000

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