Suprem Court(आज का ऐतिहासिक आदेश) - TopicsExpress



          

Suprem Court(आज का ऐतिहासिक आदेश) : "जिस जन प्रतिनिधि को 2 या 2 से अधिक साल तक की न्यायालय द्वारा सजा सुनाई जाती है तो उस जनप्रतिनिधि की सदस्यता तुरन्त खत्म हो जाएगी" कितना कमाल का है यह आदेश, क्या रत्ती भर भी इस "आदेश" की सार्थकता सिद्ध हो पाएगी ??? मेरे हिसाब से "वही ढाक के तीन पात" भाई साब ! आज तक किस जन प्रतिनिधि को सजा सुनाई गई "उसके कार्यकाल के दौरान" ???? 20-25 साल तो केस चलेगा.... वो हिम्मतवाला ही होता होगा जो "नेता" जी के खिलाफ केस लड रहा होगा..... शायद आपको याद आए की कितनो पर केस चल रहे हैं..... 1. लालू 2.माया 3. मुलायम 4. जयललीता 5. गडकरी 6. येदुरप्पा 7. कलमाड़ी 8. राजा 9. चितम्बरम 10. ...... सब मिला जुला के..... 400-500 या इससे भी अधिक..... कौन और कैसे सजा सुना सकता है इन सब को ??? सरकार भी यही चोर भी यही, पुलीस भी यही, जज साब भी यही, वकील भी यही..... सब कुछ तो यही सब है..... (एक थे मनू सिंघवी साब अपने चैम्बर में बैठ कर समझा रहे थे अपनी महीला वकील दोस्त को, "कैसे तुम्हे जज बनाया जाए".....सब जानते ही होंगे) बेचारी जनता भी जाती धर्म में बँट कर झुनझुना बजा रही है, समझ ही नही आता धर्म की डोर थामे या जीवन की ??? ध्यान रहे "गुलामों का कोई धर्म नहीं होता" "हो ही नहीं सकता....." धर्म निभाने के लिए पहले आज़ाद होना पड़ता है..... धर्म चुनो या आज़ादी..... मर्जी है आपकी क्योंकी वोट है आपका........ मै तो #AAP के साथ हूँ... मुझे आज़ादी पसंद है... मुझे चाहीए जनलोकपाल...... इससे कम कुछ नहीं.....
Posted on: Wed, 10 Jul 2013 14:34:46 +0000

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