अन्य पिछड़ी जाति (OBC) जिनकी - TopicsExpress



          

अन्य पिछड़ी जाति (OBC) जिनकी आबादी 52 % है, का प्रतिनिधित्व मात्र 7% है और यह 7% प्रतिनिधित्व जो अभी तक मिला है उसके लिए भी मंडल की लडाई में अनुसूचित जाति/जनजाति ने ही बहुत बड़ा योगदान दिया है. इनका 52-7=45 % हिस्सा खाने वाले लोगो ने इनको षड्यंत्र के तहत गुमराह किया कि तुम्हारा परमोसन इस लिए नहीं हो पा रहा है क्योकि अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) जिसकी आबादी 23% है और जिसका प्रतिनिधित्व मात्र 13 %+ 6%=19 % है. वह तुमसे पहले परमोसन पाए जा रहे है. अन्य पिछड़ी जाति (OBC), जिनकी आबादी 52 % है और जिनका प्रतिनिधित्व मात्र 7 % है, के कुछ गुमराह भोले भाले लोग अपने हक़ की लडाई लड़ने की बजाय अपने भाईओं अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) के विरुद्ध खड़े हो गए. परंतु यूपीपीएससी द्वरा त्रिस्तरीय आरक्षण लागू करने के बाद तथाकथित सवर्ण छात्रो के बवाल/हिंसक आंदोलन और माननीय हाइ कोर्ट इलाहाबाद का 3 अक्टुबर 2013 को सुमित कुमार शुक्ल बनाम उत्तर प्रदेश सर कार (Write No. 46249 of 2013) केस मे आरक्षण के खिलाफ दिया गया आदेश ने ओबीसी के भाइयो की आंखे खोल दी है। ब्राह्मणों की समस्या थी की ज्यादा लोगो को अर्थात मूलनिवासी बहुजनों को ज्यादा समय तक नियंत्रित कैसे रखा जाय इसलिए उन्होंने मूलनिवासियो को 6743 टुकडो में तोड़ा और उनमे श्रेणीबद्ध असमानता (Graded Inequality) का सिधांत अर्थात जाति व्यवस्थाका सिधांत, लागु किया और उनको वेदों, शास्त्रों एवं स्मृतियों के माध्यम से मानसिक रूप से गुलाम बनाया. इतिहास हमें यही बताता है कि अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जन जाति, अन्य पिछड़े वर्ग और इनसे धरम परिवर्तित अल्पसंख्यक आपस में ऐतिहासिक रूप से भाई-भाई है. सभी इस देश के मूलनिवासी है. दुश्मनों ने हमें कई टुकडो में तोडा और हमारी मूल पहचान (Identity) मिटा कर हमे, अपने साथ अपमान जनक पहचान (Derogatory Identity) के साथ जोड़ा ...तो हमारे महापुरुषों ने हमें फिर से हमें उनसे अलग (Separate) कर एक नाम एवं एक सम्मानजनक पहचान (Respectful Identity) के साथ जोड़ा। बाबा साहेब डा अंबेडकर ने ब्राह्मणो द्वरा तोड़े गए 6743 टुकडो को तीन जगह इकठ्ठा किया. 2000 जातियों को एक जाति, अनुसूचित जाति (SC ) बनाया. 1000 जातियों को एक जाति, अनुसूचित जन जाति (ST ) बनाया. शेष बची 3743 जातियों को एक वर्ग , अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC ) बनाया. फिर इन तीन जातियों SC /ST /OBC /एवं इनसे धर्मपरिवर्तित अल्पसंख्यक को मिलाकर एक वर्ग बनाया जिसको भारत के संबिधान मे सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग (Socially and Educationally Backward Class) के रूप मे मान्यता प्राप्त है। आज संबैधानिक एवं क़ानूनी रूप भारत में से केवल २ वर्ग है। एक पिछड़ा वर्ग (Backward Class) है एवं दूसरा सामान्य वर्ग है और अगर जातियो के हिसाब से देखेगे तो केवल 4 जातियां SC /ST /OBC /General है. 6743 जातियो मे तोड़े गए समाज को केवल एक वर्ग और तीन जातियो के रूप मे कानूनी रूप से संगठित करना बाबा साहब का एक महत्वपूर्व सफलताओ मे से एक है।
Posted on: Thu, 24 Oct 2013 17:40:39 +0000

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