अरे कुछ नहीं, ये विदेशी - TopicsExpress



          

अरे कुछ नहीं, ये विदेशी कंपनिया जो साल में २७००० करोड़ का सिर्फ पानी का धंधा कर रही है,पानी का ५ लाख बोतल ही भेज देते, ये हरामी पेप्सी-कोक वाले ५० हजार पैकेट कुरकुरे और चिप्स गिरा देते तो भी हमारे फंसे हुए भाइयो को रहत मिल जाती... बाबा रामदेव को देखो, ६००००पैकेट अपने बिस्कुट भेज डाला और कांग्रेस अब इनकी जल्दी ही खबर लेगी..... मीडिया के भांडोँ , देखो आतंकवादी संघ के आदमी सेना के साथ कैसे लगकर काम कर रहे हैं, फिर कहोगे, भगवा आतकी .....हरामखोर???? अचानक इतनी बड़ी तबाही क्यों? हो सकता है चीन ने कृत्रिम वर्षा का प्रयोग किया हो .वह पहले भी ऐसा कर चुका है जिसके कारण उसे भी तबाही झेलनी पडी थी. शायद अबकी बार उसने यह प्रयोग भारत पर आजमाया हो. एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि बाँध से या तालाब में रुके पानी को किसी साजिश के तहत अचानक छोड़ा गया हो . या भारी वर्षा से तालाब के बढे पानी ने अचानक अपना मुंह खोल दिया हो . अभी इसके कारणों का पता भी नहीं लगाया जा रहा है इसकी जांच होनी ही चाहिए ताकि सच्चाई सामने आये तो सावधानी बरती जा सके . कुछ भी हो केदार घाटी में आयी यह बाढ़ सामान्य वर्षा का प्रतिफल नहीं है क्योंकि वर्ष का पानी नदियों में धीरे धीरे ही बढ़ता है अचानक नहीं . ये सैलाब तो कुछ ही मिनटों का है घंटों का नहीं. बादल फटा है तो आखिर कैसा ? क्या बादलों में भी बाँध हो सकता है ? सबसे प्रमुख बात ये है कि अभी बरसात का मौसम शुरू ही हुआ है. आगे के लिए भी सावधानी बरतनी जरुरी है . अब तो हर बारिश में दहशत समा गयी है
Posted on: Fri, 21 Jun 2013 11:33:43 +0000

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