"इजादी के 66वें वर्ष मे,हम - TopicsExpress



          

"इजादी के 66वें वर्ष मे,हम आजाद देश के गुलाम नागरिक बन कर रह गये हैं। एक लम्बी स्वाधिनता की लड़ाई लड़ कर अंगरेजों से आजिदी तो लेली परन्तु , 66 वर्ष बाद भी देश का एक बहुत बड़ा हिस्सा आज भी आर्थिक रुप गुलाम है। आज हम आजादी का जस्न मना रहे है , वहीं लाख़ो परिवार भूखमरी के कागार पर है। आजादी के जस्न मे लोग जगह जगह मिठाईयाँ बाट कर ख़ुशी का ईजहार कर रहें हें वहीं लाख़ो लोग ऐसे है जो एक टाइम बीना भोजन किये ही सो जयेगें। 127 करोड़ आबादी वाले देश का बहुत भड़ा हिस्सा आर्थिक गुलामी मे जकड़ता जा रहा है।कारण है सरकारो के गलत नीति ,क्यों कि हमारे की सारी नीतियाँ वोट बैंक को ध्यान मे रख कर बनाई जाती है। परीणाम कुछ लोग गलत तरिके से धन अर्जित कर अमीर बन रहे है सेष बहुत बड़ा हिस्सा आर्थिक गुलामी मे जकड़ता जा रहा है। जिसके चलते असंतोष तेजी से बढ़ रहा है।हर आदमी येन केन प्रकरेण धन कमाना चाहता है अपराध बढ़ रहे है। आज राजनिति को लोग कैरियर के रूप चून रहे है जिसके चलते राजनितिक अपराध बढ़े है बड़े-बड़े घोटाले हुये है। आज चाहे गाँव का प्रधानी हो या पार्लियामेन्ट का मेम्बरी का मुख्य उदेस्य धन कमाना हो गया है । लोगों की सोच मे इस तरह की गीरावट आई है कि स्‍कुल मे पढ़ाई करने वाला क्षात्र दीन रात यही सोचता है कि हमारी नौकरी ऐसे विभाग मे लगे जहा उपरी आमदनी हो।छात्र ही नहीं गर्जियन भी यही सोचते हैं।चाहे किमत जो हो।ईसी सोच का परिणाम है देश मे कुछ दील दहला देने वली घटनायें। आजादी मीलने के वक्त भी हम लोग गरीबी,भुखमरी और अशिक्षा से जूझ रहे थे।और आज भी स्थियाँ जस की तस बनी हुई है। क्रय छमता के आधार पर भारत दुनिया का तिसरा बढ़ा देश है। फीर भी अनेक परिवार भुख से जुझ रहें हैं।हम चाँद पर पहुच गये है परन्तु देश के आम लोगों तक शुध्द पानी तक नहीं पहुचा पायें हैं। सहीं मायने मे आजादी जस्न तब पुरा होगा जब देश के एक एक बच्चे को उच्च शिक्षा और हर परिवार को भोजन उपलब्ध हो जाय तथा लोग आर्थिक गुलामी मुक्त हो जायगें ।तभी भारत सम्पुर्ण आजाद होगा । जय हिन्द ! जय भारत !!
Posted on: Thu, 15 Aug 2013 14:46:28 +0000

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