इस्लाम का अर्थ पहले समझो - TopicsExpress



          

इस्लाम का अर्थ पहले समझो | ek jagha yeh comment dekha,, Achha Laga aap bhi padhen,, Namaskar Meditation ने कहा… इस्लाम इस - ईश अल - आल आम - आम इस्लाम का अर्थ पहले समझो | ईश्वर का ज्ञान जब आम लोगों के लिए उपलब्ध होता है उसे इस्लाम कहते हैं | इस्लाम में नमाज़ अदा करने के लिए सभी जगहें उपलब्ध हैं | कोई भी कहीं भी उस परमात्मा को याद कर सकता है | यह कितनी सरलता है | और धर्मों में बंदिश है और धर्म तो बंधन मुक्ति देता है बंधन नहीं | इस्लाम में कोई वर्ण और जाती नहीं | कोई किसी के साथ भी खा पी सकता है | उठ बैठ सकता है | इस्लाम में मस्जिद या दरगाह में कोई मनाही नहीं है | कोई भी आगे पीछे बैठ सकता है वहां पर सब बराबर हैं | इस्लाम में पांच बार नमाज़ पड़ते हैं | और बाकी धर्म में ज्यादा से ज्यादा तीन बार | इस्लाम में और भी अच्छी चीजें हैं | जहाँ तक सवाल है की केवल हिंसा के कारण इस्लाम को ऐसा बोला जा रहा है | तो हिंसा के बल पर ही तो सभी धर्म खड़े हुए हैं | शिव और विष्णु के भक्तों की आपसी हिंसा से पुराण भरे पड़े हैं | बोद्धों ने अपने धर्म का विस्तार हिंसा से किया है | ईसाइयों ने रोम के राजा के माध्यम से हिंसा के द्वारा पुरे यूरोप को ईसाई बना दिया | सिखों की हिंसा तो जग प्रसिद्ध है ही | जैनों ने हिंसा नहीं की तो आज वह सबसे कम संख्या में हैं | कुम्भ मेला में वैशनव साधू और शैव साधुओं की हिंसा सब जानते हैं | तो फिर हिंसा से इतना परहेज क्यूँ ? आज भी किसी धर्म गुरु को कोई कुछ कहता है तो उसके भक्त हिसात्मक हो जाते हैं | by:-02
Posted on: Sat, 24 Aug 2013 04:10:50 +0000

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