उत्तराखंड में राहत केनाम पर मजाक, ***********************((* गावों में भेजे गए फटे-पुराने कपड़े उत्तराखंड के लोगों कीतकलीफ बढ़ाने के लिए सैलाब का मातम क्या कम था कि अब राहत का भी मजाक बनाया जा रहा है. राहत के नाम पर फटे-पुराने कपड़े उत्तराखंड के गांव भेजे जा रहे हैं. जरा सोचिए, तबाही में बर्बाद हुए लोगों पर क्या गुजरी होगी जब उन्होंने राहत सामग्रियों में फटे-पुराने कपड़े देखेहोंगे. अगर उन्होंने फटे-पुराने कपड़ों को सड़क पर फेंका तो गलत क्या किया. गुप्तकाशी, देहरादून, ऋषिकेश और रुद्र प्रयाग में हालात बेहदखराब हैं. कहीं राहत सामग्री पड़े-पड़े बर्बाद हो रही है और कहीं लोग एक-एक दाने केलिए तरस रहे हैं. इससे लोगों को गुस्सा बढ़ताजा रहा है. राज्यों के राहत कैंपों में खानापूर्ति से भी लोग बेहद नाराज हैं. उत्तराखंड की तबाही में फंसे लोगों को बचाने के लिए राज्यों की तरफ से भी राहत कैंप खोले गए हैं, लेकिन उनका हाल क्या है, उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश के राहत कैंप पर एक महिला का गुस्सा ऐसे फूटा कि तमाम अधिकारी भौचक्का रह गए. वहीं, रुद्रप्रयाग में राहत सामग्री का अंबार है लेकिन जरूरतमंदों तक इसे पहुंचाने का मुक्कम्मल इंतजाम नहीं.
Posted on: Tue, 02 Jul 2013 15:40:09 +0000
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