एक गरीब कवि तंगी से परेशान होकर बैंक में डाका डालने गया… .......................................... .......................................... अर्ज किया है… तकदीर में जो है वही मिलेगा, खबरदार, कोई अपनी जगह से नहीं हिलेगा!!! . फिर कैशियर से बोला… अपने कुछ ख्वाब मेरी आंखों से निकाल लो, जो कुछ भी तुम्हारे पास है, जल्दी से मेरे बैग में डाल दो!!! . बहुत कोशिश करता हूं तेरी याद भुलाने की, खबरदार, कोई कोशिश न करे पुलिस को बुलाने की! . फिर जाते-जाते… भुला दे मुझे, क्या जाता है तेरा! मैं गोली मार दूंगा, जो किसी ने किया पीछा मेरा!!! :p :v 3:) . ♦♦स्वैपी♦♦
Posted on: Mon, 07 Oct 2013 14:07:23 +0000