एक था मुल्ला एक थी मुल्ली । । मुल्ले की थी आधी लुल्ली । । मुल्ली बेड पर बन गई घोड़ी ।। मुल्ला बोला बहन की लोडी ।। सुबह से 60 व्यग्रा खाई ।। पर लुल्ली में जान ना आई ।। बोली मुल्ली भाड़ में जाओ ।। कहीं से हिन्दू पकड़ के लाओ ।। तेरी लुल्ली वो लोडा होगा ।। तू सूअर वो घोडा होगा ।। मुल्ला सुनकर बाहर दौड़ा ।। पकड़ के लाया हिन्दू लौडा ।। एक कहा दो हिन्दू लाया ।। एक चढ़ा मुल्ली पर, दूजा मुल्ले ने चढ़वाया ।। मुल्ला बोला जय हो फातिमा रांड की ।। खुजली मिट गयी दोनों की गांड की .. तन्त्रगुरु तांत्रिक सम्राट बाबा स्वामी प्रचंडनाथ महाराज
Posted on: Thu, 10 Oct 2013 06:43:26 +0000
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