एक बार एक दरोगा जी का मुंह - TopicsExpress



          

एक बार एक दरोगा जी का मुंह लगा नाऊ पूछ बैठा -"हुजूर पुलिस वाले रस्सी का साँप कैसे बना देते हैं ?" दरोगा जी बात को टाल गए .... लेकिन नाऊ ने जब दो-तीन बार यही सवाल पूछा तो दरोगा जी ने मन ही मन तय किया कि इस भूतनी वाले को बताना ही पड़ेगा कि रस्सी का साँप कैसे बनाते हैं ! लेकिन प्रत्यक्ष में नाऊ से बोले - "अगली बार आऊंगा तब बताऊंगा !" इधर दरोगा जी के जाने के दो घंटे बाद ही 4 सिपाही नाऊ की दूकान पर छापा मारने आ धमके - "मुखबिर से पक्की खबर मिली है, तू हथियार सप्लाई करता है,,,तलाशी लेनी है दूकान की !" तलाशी शुरू हुयी ... एक सिपाही ने नजर बचाकर हड़प्पा की खुदाई से निकला जंग लगा हुआ असलहा छुपा दिया ! दूकान का सामान उलटने-पलटने के बाद एक सिपाही चिल्लाया - "ये रहा रिवाल्वर" छापामारी अभियान की सफलता देख के नाऊ के होश उड़ गए - "अरे साहब मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानता ....आपके बड़े साहब भी मुझे अच्छी तरह पहचानते हैं !" एक सिपाही हड़काते हुए बोला - "दरोगा जी का नाम लेकर बचना चाहता है ? साले सब कुछ बता दे कि तेरे गैंग में कौन-कौन है ... तेरा सरदार कौन है ... तूने कहाँ-कहाँ हथियार सप्लाई किये,,, कितनी जगह लूट-पाट की ... तू अभी थाने चल !" थाने में दरोगा साहेब को देखते ही नाऊ पैरों में गिर पड़ा - "साहब बचा लो ... मैंने कुछ नहीं किया !" दरोगा ने नाऊ की तरफ देखा और फिर सिपाहियों से पूछा - "क्या हुआ ?" सिपाही ने वही जंग लगा असलहा दरोगा के सामने पेश कर दिया - "सर जी मुखबिर से पता चला था .. इसका गैंग है और हथियार सप्लाई करता है.. इसकी दूकान से ही ये रिवाल्वर मिली है !" दरोगा सिपाही से - "तुम जाओ मैं पूछ-ताछ करता हूँ !" सिपाही के जाते ही दरोगा हमदर्दी से बोले - "ये क्या किया तूने ? नाऊ घिघियाया - "सरकार मुझे बचा लो ... !" दरोगा गंभीरता से बोला - "देख ये जो सिपाही हैं न ... साले एक नंबर के कमीने हैं .. मैंने अगर तुझे छोड़ दिया तो ये साले मेरी शिकायत ऊपर अफसर से कर देंगे ... इन कमीनो के मुंह में हड्डी डालनी ही पड़ेगी ... मैं तुझे अपनी गारंटी पर दो घंटे का समय देता हूँ .. जाकर किसी तरह बीस हजार का इंतजाम कर .. पांच-पांच हजार चारों सिपाहियों को दे दूंगा तो साले मान जायेंगे !" नाऊ रोता हुआ बोला - "हुजूर मैं गरीब आदमी बीस हजार कहाँ से लाऊंगा ?" दरोगा डांटते हुए बोला - "तू मेरा अपना है इसलिए इतना सब कर रहा हूँ ... तेरी जगह कोई और होता तो तू अब तक जेल पहुँच गया होता ... जल्दी कर वरना बाद में मैं कोई मदद नहीं कर पाऊंगा !" नाऊ रोता-कलपता घर गया ... अम्मा के कुछ चांदी के जेवर थे ... चौक में एक ज्वैलर्स के यहाँ सारे जेवर बेचकर किसी तरह बीस हजार लेकर थाने में पहुंचा और सहमते हुए बीस हजार रुपये दरोगा जी को थमा दिए ! दरोजा जी ने रुपयों को संभालते हुए पूछा - "कहाँ से लाया ये रुपया?" नाऊ ने ज्वैलर्स के यहाँ जेवर बेचने की बात बतायी तो दरोगा जी ने सिपाही से कहा - "जीप निकाल और नाऊ को हथकड़ी लगा के जीप में बैठा ले.. दबिश पे चलना है !" पुलिस की जीप चौक में उसी ज्वैलर्स के यहाँ रुकी ! दरोगा और दो सिपाही ज्वैलर्स की दूकान के अन्दर पहुंचे .. दरोगा ने पहुँचते ही ज्वैलर्स को रुआब में ले लिया -"चोरी का माल खरीदने का धंधा कब से कर रहे हो ? ज्वैलर्स सिटपिटाया - "नहीं दरोगा जी ... आपको किसी ने गलत जानकारी दी है .. !" दरोगा ने डपटते हुए कहा - "चुप ~~~बाहर देख जीप में हथकड़ी लगाए शातिर चोर बैठा है ... कई साल से पुलिस को इसकी तलाश थी ... इसने तेरे यहाँ जेवर बेचा है कि नहीं ? तू तो जेल जाएगा ही .. साथ ही दूकान का सारा माल भी जब्त होगा !" ज्वैलर्स ने जैसे ही बाहर पुलिस जीप में हथकड़ी पहले नाऊ को देखा तो उसके होश उड़ गए, तुरंत हाथ जोड़ लिए - "दरोगा जी जरा मेरी बात सुन लीजिये ! कोने में ले जाकर मामला एक लाख में सेटल हुआ ! दरोगा ने एक लाख की गड्डी जेब में डाली और नाउ ने जो गहने बेचे थे वो हासिल किये फिर ज्वैलर्स को वार्निंग दी - "तुम शरीफ आदमी हो और तुम्हारे खिलाफ पहला मामला था इसलिए छोड़ रहा हूँ ... आगे कोई शिकायत न मिले !" इतना कहकर दरोगा जी और सिपाही जीप पर बैठ के रवाना हो गए ! थाने में दरोगा जी मुस्कुराते हुए पूछ रहे थे- "साले तेरे को समझ में आया रस्सी का सांप कैसे बनाते हैं !" नाऊ सिर नवाते हुए बोला - "हाँ माई-बाप समझ गया !" दरोगा हँसते हुए बोला - "भूतनी के ले संभाल अपनी अम्मा के गहने और एक हजार रुपया और जाते-जाते याद कर ले... हम रस्सी का सांप ही नहीं बल्कि नेवला .. अजगर ... मगरमच्छ सब बनाते हैं ... बस आसामी बढ़िया होना चाहिए " :D ;)
Posted on: Thu, 20 Jun 2013 04:22:05 +0000

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