ऐसे कराएं अपनी शादी का - TopicsExpress



          

ऐसे कराएं अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन (Marriage certificate is an essential document establishing the marital status of a couple, it was made mandatory by the Supreme Court, in 2006.) इस सर्टिफिकेट के रहते पति शादी की बात से इनकार नहीं कर सकता। महिलाएं परफेक्ट वेडिंग की प्लैनिंग में बहुत समय और एनर्जी खर्च करती हैं। हालांकि, वे अपने प्रोटेक्शन के लिए जरूरी डिटेल्स को अनदेखा कर देती हैं। वे मैरेज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए जरूरी पेपरवर्क करना भूल जाती हैं। यह एक जोड़े (कपल) की शादीशुदा स्टेटस को बताने वाला सबसे जरूरी डॉक्युमेंट होता है। सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में हर दंपती, चाहे वह किसी भी धर्म के हों, के लिए मैरेज रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। मैरेज रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने के पीछे महिलाओं को उनके पति के छोड़ देने की स्थिति में प्रोटेक्शन मुहैया कराने का मकसद है। इस सर्टिफिकेट के रहते उनका पति शादी की बात से इनकार नहीं कर सकता है और उसे एलिमनी और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी निभाने के लिए मजबूर किया जा सकता है। मैरेज रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस बहुत ही आसान होता है। आप अपने धर्म के अनुसार हिंदू मैरेज ऐक्ट या स्पेशल मैरेज ऐक्ट के तहत मैरेज रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। हिंदू मैरेज ऐक्ट के तहत दूल्हे की उम्र न्यूनतम 21 साल और दुल्हन की न्यूनतम उम्र 18 साल होती है। स्पेशल मैरेज ऐक्ट के लिए दोनों लोगों का न्यूनतम उम्र 21 साल होना जरूरी है। हिंदू मैरेज ऐक्ट आपको मैरेज रजिस्ट्रेशन की इजाजत देता है, लेकिन इसे सोलेमनाइज करने की इजाजत नहीं देता। दूसरी तरफ स्पेशल मैरेज ऐक्ट में आप दोनों काम कर सकते हैं। अब आप अपनी जरूरत के अनुसार इन दोनों ऐक्ट में से किसी एक का इस्तेमाल कर सकते हैं। हिंदू मैरेज ऐक्ट इस ऐक्ट के तहत रजिस्टर कराने के लिए दोनों ही लोगों का हिंदू होना जरूरी है। पहले कदम के तौर पर जिस न्यायिक क्षेत्र में शादी हुई है, वहां सब-रजिस्ट्रार के पास आवेदन करना होगा। आप वहां भी रजिस्ट्रेशन करने के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जहां आपका लाइफ पार्टनर शादी से पहले कम से कम 6 महीने रहा हो। दोनों लोगों को जरूरी आवेदन फॉर्म भर कर जमा कराने होंगे। इसमें जरूरी डॉक्युमेंट की फोटो कॉपी के अलावा ऐज ओर अड्रेस प्रूफ लगाना होगा। मैरेज प्रूफ के लिए शादी कराने वाले पंडित की तरफ से सर्टिफिकेट जमा करना होगा। सभी डॉक्युमेंट्स को किसी गैजटेड ऑफिसर से अटेस्ट कराना होगा। इसके बाद आपको जरूरी शुल्क जमा कर उसकी पर्ची भी साथ में लगानी होगी। इसके बाद आपके डॉक्युमेंट की जांच जाएगी और ऑफिसर रजिस्ट्रेशन डेट आवंटित कर देगा। हिंदू धर्म में कनवर्ट कराने वाले लोग भी इस ऐक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
Posted on: Wed, 11 Sep 2013 07:04:35 +0000

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