कांग्रेस का बोलना है गरीबी कम हुई है क्या आप सब कांग्रेस इस बात से सहेमत है .... क्या आज की इस महगाई में 27 रुपए खर्च करने बाला इन्सान अमीर हो सकता है ..... योजना आयोग के अनुसार, तेंदुलकर फार्मूला के तहत 2011-12 में ग्रामीण इलाकों में 816 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति मा से कम उपभोग करने वाला व्यक्ति गरीबी क नीचे था। शहरों में राष्ट्रीय गरीबी की रेखा का पैमा रुपये प्रति प्रति व्यक्ति प्र का उपभोग है। इसका मतलब है कि शहरों में प्रतिदिन वस्तु और सेवा पर 33.33 रुपये से अधिक खर्च करने वाला और ग्रामीण इलाकों में 27.20 रुपये खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है। इससे पहले आयोग ने कहा था कि शहरी इलाक प्रतिदिन 32 रुपये से अधिक खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है। उसकी इस गणना से काफी विवाद पैदा हुआ था। योजना आयोग ने आज जो गरीबी का आंकड़ा दि वह उसी गणना के तरीके पर आधारित है। इसमें कहा गया है कि पिछले सात साल में देश में गरीबों की संख्या घटी है . . . . चलो जोर जोर से गाओ. . . . हो रहा भारत निर्माण.... हो रहा भारत निर्माण.... unnnhaannnhaa..... unnnhaannnhaa......
Posted on: Wed, 24 Jul 2013 13:41:27 +0000