कश्मीर वालों को हमसे सीखना चाहिए :- कल 15 अगस्त था और मेरे गाँव मे कल शाम को क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया । मेरा भाई रामशंकर कैप्टन था और जिस गाँव से मैच था उस गाँव मे केवल मुस्लिम ही थे । हुआ यूँ कि वो मैच खेलने हमारे गाँव पहुँचे और अपनी जन्मजात आदत दिखाने लगे । हमारी टीम को जीतने के लिए सात गेंदों मे चार रन चाहिए था और तीन विकेट भी शेष था । भोला ने सकेंड लास्ट ओवर की अंतिम गेंद पर छक्का मारते हुए हमे जीत दिला दी । पर हारने के बाद वो हमारी टीम को 51 रू. देने से मुकर गए पैसा माँगने पर जमशेद नाम के लड़के ने हमारे भाई को एक हाथ जड़ दिया । ठीक उसी समय मैं अपने गाँव पहुँचा था हल्ला सुनकर मैं मैदान की ओर बढा ही था कि देखा कि मेरे भाई को सात आठ लड़के घेरकर कालर पकड़ के क्लास ले रहे थे । मेरे पहुँचते ही मेरी टीम के अंदर जान आ गई । मैने बीच मैदान मे गड़ा हुआ विकेट खींचा और दो विकेट भोला और प्रभु के हाथ मे थमाया और एक्शन से भरपूर मार-धाड़ शुरू । सालों को दौड़ा दौड़ा के ठोका और 51 की जगह 100 रू. छीन भी लिया । अब आज साले थाना गए हुए हैं हम लोगों पर केस करने के लिए । पर मेरे पिता जी ने साफ शब्दें मे कहा कि केस तो होगा ही नहीं और बदले वाली बात करोगे तो यह झगड़ा सांप्रदायिक भी हो सकता है । आ गए साले अपनी औकात में । (मेरा मन)
Posted on: Fri, 16 Aug 2013 04:15:39 +0000
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