क्या आपने कभी इस बात पर - TopicsExpress



          

क्या आपने कभी इस बात पर गहराई से सोचा है कि........ मुस्लिम चोरी, लूटमार, और बेईमानी पर आखिर इतना भरोसा क्यों करते हैं...???? आपको यह जान कर काफी हैरानी होगी कि ... उन्होंने अपना धर्म से लेकर धर्मस्थान (काबा, जामा मस्जिद वगैरह) तक... चोरी से ही बनाई है.....! और तो और... उन्होंने तो देश तक ( पाकिस्तान, बांग्लादेश वगैरह) बेईमानी से बना रखी है..! हद तो यह है कि.... उन्होंने मशहूर कब्रें तक भी लूट कर ही बनाई है (ताजमहल)...! तो.. किसी के भी मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है कि....आखिर इन सबका कारण क्या है.... और ये हर चीज लूट कर और बेईमानी कर के ही क्यों लेते हैं...... खुद का क्यों नहीं बनाते......???? दरअसल.... इन सबका धार्मिक आधार होने के साथ साथ........ वैज्ञानिक आधार भी है.....! सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि.... कहीं भी .. कुछ भी... नया बनाने के लिए सबसेपहले दिमाग की जरुरत होती है.... जो कि इन बेचारों के पास होती ही नहीं है.....! अब मुस्लिम शक्ल के साथ-साथ, अक्ल से भी बेवकूफ क्यों होते हैं ... इसका एक भी एक ठोस वैज्ञानिक आधार है....! ये बात तो सर्वविदित है और अब वैज्ञानिकों द्वारा भी प्रमाणित है कि .... जिस समुदाय में अपने ही घर की मादाओं से शादी की जाती हो.... उस समुदाय का मानसिक विकास नहीं हो पाता है...! क्योंकि.... उसमे माता-पिता का गुणसूत्र (डीएनए) एक ही होता है...! उदाहरण के लिए मान लो कि.... किसी ने चचेरे या मौसेरे बहन से शादी कर ली (जो कि मुस्लिम अक्सर करते हैं) .. तो उनके नाना/दादा के गुणसूत्र एक ही हो जाते हैं और बच्चे का मानसिक विकास नहीं हो पाता है... और, ये बात जगजाहिर है कि.... मुस्लिमों में पवित्र या अपवित्र रिश्ता जैसा कुछ भी नहीं होता है.... उन्हें सिर्फ बच्चा पैदा करने से मतलब होता है ... चाहे वो अपनी बहन से करे, माँ, बुआ अथवा चाची से...! (यही कारण है कि .. मुस्लिमों को मदरसे में कुरान रटाया जाता है, ना कि समझाया जाता है) . वहीँ दूसरी तरफ.... हिन्दुओं मेंशादी, अपने रिश्तेदार तो खैर भूल ही जाओ....पिछले सात पुश्तों तक को देख कर की जाती है.... परिणामस्वरुप माता-पिता के अलग-अलग गुणसूत्रों (डीएनए) के कारण आनेवाले हिन्दू बच्चे में मानसिक विकास का दर काफी उच्च श्रेणी का होता है ...! और , शायद ये बात मुल्लो पे लागू नहीं होती
Posted on: Tue, 15 Oct 2013 09:31:45 +0000

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