क्या बुद्दिजीवियों के - TopicsExpress



          

क्या बुद्दिजीवियों के पास इस बात का कोई जबाब हैं 50 के दशक में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को साम्प्रदायक कहा गया फिर भी भारतीय जनसंघ आगे बढ़ा 60 के दशक में दीन दयाल उपाधयाय को साम्प्रदायक कहा गया फिर भी भारतीय जनसंघ आगे बढ़ा 70- 80 के दशक में और भारतीय जनसंघ बीजेपी को साम्प्रदायक कहा गया फिर भी वे आगे बढे 80-90 के दशक में अटल आडवाणी को को साम्प्रदायक कहा गया फिर भी वे आगे बढ़े और सत्ता में आये पूरी ताकत लगा दी मोदी विरोध में शायद ही कोई दिन हो जब मोदी का विरोध न किया ही पर आज मोदी भारत के प्रधानमन्त्री बनाने जा रहे हैं अंत में एक बात और आज क्यों नाथूराम गोडसे के समर्थक बढ़ रहे हैं और लोग गांधीवाद से चिढ़ने लगे हैं ? समाज में हो रहे इस बदलाव को इनकी आँखे देख नहीं पा रही या इनसे ये देखा ही नहीं जा रहा हैं
Posted on: Thu, 14 Nov 2013 18:49:51 +0000

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