खैर ये तो था उनका परिचय अब - TopicsExpress



          

खैर ये तो था उनका परिचय अब बात करते हैं शिक्षा की मौजूदा हालत की उसके बारे में जब विभिन्न लोगों से जानना चाहा तो उनकी ओर से मिला जुला सा जवाब आया, जो यहां पर पेश किये जा रहे हैं। देश में शिक्षा है या डकैती, एक बच्चे की शिक्षा पर लाखों रुपये डूनेशन देने पड़ते हैं,क्या मतलब है ऐसी शिक्षा का? सरकार की आँखें फुट गयी हैं, आम आदमी अपने जान पहचान वालों से कितनी दुश्मनी मोल ले? हर बात के लिए आंदोलन चलाए, सभी लोग इतनी फुर्सत में हैं क्या? दूसरा और कोई काम नही बचा है देश की जनता के पास. सरकार को खुद ऐसे स्कूल्स पर कारवाही करनी चाहिए, अब जनता ही सभी दोषियों को पकड़ कर पुलिस और सरकार के हवाले करे, फिर ये लोग किस बात की तनखाह लेते हैं, फोकट की पगार से देश का भला नही होगा. जनता आवाज उठाती है, लड़ती है इनसे दबाव बनाती है, फिर ये लोग हरकत में आते है और पैसा खा कर जोड़तोड़ कर के ऐसे स्कूल्स के चलाने वालों को बा-इज्जत बरी कर देते हैं. ऐसा है देश का सिस्टम, हर जगह धंधा है सरकारी काम में, अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाएँगे नही और चले हैं भारत निर्माण करने. ये सिस्टम शिक्षकों का बुरी तरह दोहन या शोषण कर रहा है, सरकारी स्कूल्स के टीचरों से दुनिया भर के काम लिए जाते हैं, वोटर लिस्ट के लिए, पोलीयो ड्रॉप पिलाने के लिए, जन-गणना में इनको बैल की तरह जोता जाता है, जिन्हे शिक्षा के लिए रखा गया है, उनसे दूसरे काम लेने का क्या औचित्य है? लेकिन भ्रष्ट व्यस्था कुछ भी अनाप-शनाप काम कर रही है, टीचरों के ट्रांसफर में ढेर सारा रिश्वत की रकम तो वसूली ही जाती है, शिक्षकों को परेशान करने के इनके पास बहुत सारे उपाय हैं, सरकारी काम सिर्फ़ भ्रष्टाचार के लिए हो रहा है, ऐसे में बच्चों की क्या शिक्षा होगी ? एमिन - 10 अधिक पढ़ें इस लिंक पर anyayvivechak/fetch.php?p=789#.UimXGj8yQsw
Posted on: Fri, 06 Sep 2013 08:53:45 +0000

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