चुनाव आयोग के मुताबिक एक उम्मीदवार सिर्फ 15 लाख रुपये खर्च कर सकता है.. दिल्ली में 70 विधानसभा सीटें हैं... इसका मतलब है कोई पार्टी अगर 70 उम्मीदवार मैदान में उतारती है तो कुल खर्च 10 करोड़ 50 लाख रुपये होते हैं.. आम आदमी पार्टी ने अब तक दिल्ली चुनाव के नाम पर 20 करोड़ से ज्यादा रुपये का चंदा जमा कर चुकी है... इतने पैसे की क्या जरूरत है? जो पैसा बच जाएगा वो कहां खर्च होगा? अगर चुनाव में पूरा खर्च हो जाता है तो नियमों का उलंघ्घन है और अगर बच जाता है और दूसरी चीजों में खर्च किया जाता है तो क्या यह चंदा देने वालों के साथ धोखा नहीं है?
Posted on: Tue, 12 Nov 2013 08:43:58 +0000
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