जब किसी कौम पर बुरा वक्त आता है तो उस कौम में गद्दार पैदा हो जाते हैं. ये गद्दार अपनी कौम के दुश्मनों से मिलकर दुश्मनों के दिये हुऐ चंद सिक्कों में ईमान बेच देते हैं और इसका नतीजा पूरी कौम को भुगतना पड़ता है. वाराणसी में कुछ मुस्लिम महिलाओं ने इंसानियत के सबसे बड़े दुश्मन नरेंद्र मोदी को राखी बांधी और जिस तरह उसके साथ दाढ़ी वाले मुल्ला मुस्कुराते दिखाई दे रहे हैं, उससे अंदेशा होता है कि भाजपा और आरएसएस, वीएचपी, बजरंगदल, आदी जैसे असमाजिक संगठन अब समाज के गद्दारों को खरीदने में अधिक कामयाब हो रहे हैं। मुख्तार अब्बास नकवियों और शानवाज हुसैनों जैसे कौम के ‘डिफाल्टरों’ की संख्या बढ़ती जा रही है, 36 गढ़ में भी कौम के गद्दार पैदा हो चुके हैं जो लालबत्ती की खातिर रमन सिंह और आरएसएस की गौद में जा बैठे हैं, जिनमें कई मौलाना साहब भी शामिल हैं, आज जरूरत है कि समाज बगैर किसी के रुतबे और दाढ़ी का लिहाज किये इन लोगों का बहिष्कार करे, इनके यहां मय्यत पर न जायें, इनसे शादी ब्याह न करे, इनको सलाम दुआ न करे, तभी कौम बरबादी से बच सकती है वर्ना इतिहास गवाह है इन्हीं कौम के गद्दारों ने अपनी बेटियों की अस्मत बेची है, और पूरे मुल्क तक से इस्लाम को बाहर निकालने में दुश्मनान ऐ इस्लाम की मदद की है। Mohammed Arif Dagia की कलम से Admin - 10
Posted on: Tue, 30 Jul 2013 01:38:20 +0000
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