जर्जर ईटोँ से तुम कब तक, भला रोक सकोगे आंधी को, सच बोलुँगा अब मैं यारो, बुरा लगे चाहे गांधी को !! क्यूं इतिहास छिपा रखा है, बोलो सन् सत्तावन का, गांधी का फोटो छापा क्यूं नोटो पर मरणासन्न का!! रस्सी तुमने ढूँढ निकाली बकरी वाली गाँधी की,, भगत की रस्सी कब ढूँढोगे, जिसपर उसको फाँसी दी!! गाँधी-नेहरू के जन्म-मरण पर तुम छुट्टी दे देते हो, भगत-चन्द्र की बात करूँ तो क्यूँ चुप्पी ले लेते हो!! अंधे सत्ता के रखवाले पीतल कर देंगे चाँदी को, सच बोलुँगा अब मैं यारो, बुरा लगे चाहे गाँधी को!! जिसमें सुभाष लिखा महान, बोलो वो पन्ने कहाँ गये, जो पत्र लिखे थेनाथूने, उनको बोलो क्यूँ दबा गये!! क्यूँ इतिहास पढ़ाया हमको, कायर, मुगल , लुटेरोँ का, और अब तुम ही मिटा रहे हो, सच भारत के वीरोँ का!! वीर शिवाजी की गाथाएँ, रखती याद जवानी थी, अब किसको है याद कहो पन्ना की, झाँसी रानी की!! अंग्रेजोँ के तलवे चाटे, आज वो सोना लूट रहे, सच्ची बातोँ पर तुम बोलो, क्यूँ अपनी छाती कूट रहे!! तुम सब दोनों गालोँ पर ही थप्पड़ खाने के आदी हो, सच बोलुँगा अब मैं यारो, बुरा लगे चाहे गाँधी को!!
Posted on: Mon, 18 Nov 2013 14:13:15 +0000