दोस्तों बात उस समय की है - TopicsExpress



          

दोस्तों बात उस समय की है जब कांशीराम जी साइकिल से कश्मीर से कन्याकुमरी तक की यात्रा पर थे । दिन भर साइकिल चलाते शाम को कहीं रूक कर विश्राम करते । ऐसे ही एक शाम किसी डाक बंगले पर रूके । दिन मे सभी थके रहते थे तो रात मे जल्दी सो जाते । नसीमुद्दीन सिद्दीकी उस दिन मान्यवर जी के साथ थे । उन्होंने देखा कि मान्यवर जी जाग रहे हैं हाथ मे टिक टक वाली बालपेन थी उसे बार बार दबाते और सोचते । नसीमुद्दीन जी ने पूछा मान्यवर जी कोई परेशानी है सोते क्यों नहीं ? मान्नयवर जी ने कहा नसीमुद्दीन हमारा समाज सो रहा है इसलिए मैं जाग रहा हूँ । साथियों आज हमारे जागे हुए समाज के govt. Employe आज भी सो रहा है
Posted on: Sun, 17 Nov 2013 15:35:46 +0000

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