देखा जा रहा है कि सोशल नेटवर्क पर बनाए विभिन्न ग्रुपों में लोग राष्ट निर्माण के मुदृदे पर बहस करने के बजाए हिंदू मुसलमान, सिख इसाई के नाम पर धर्मयुद्ध में जम कर भाग लेते हेंǃ मेरा मानना है कि धर्म नितांत निजी मामला हैǃ उसके वसूलों को जीवन में उतारना चाहिएǃ लेकिन लोग इसका उलटा ही कर रहे हैंǃ देश में बिजली, पानी, शिक्ष्ा, स्वास्थ्य, बेरोगारी, आतंकवाद, भ्रष्टाचार आदि ऐसे तमाम मुदृदे हैं, जिन पर बहस कर सार्थक निष्कर्ष निकाला जा सकता है, मगर तमाम धर्मध्वजी इसके उलट धर्मयुद्ध चला कर देश और समाज को कमजोर करने में लगे हेंǃ ऐसे लोग देश और समाज का हित नहीं कर सकतेǃ लेकिन दुखद यह भी है कि अच्छे लोग उनकी बेहूदगियों को अनदेखा कर आगे बढ जाते हैंǃ यह उचित नहीं हैǃ हमे उनका तिरस्कार करने की आदत डालनी होगीǃ
Posted on: Tue, 20 Aug 2013 08:40:33 +0000
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