प्रधानमंत्री के भाषण के बाद नरेंद्र मोदी के जिस भाषण को कांग्रेसी, वामपंथी और कांग्रेसी शूटर पत्रकार अस्वस्थ्य परंपरा मानते हैं, उसे जनता स्वस्थ्य परंपरा मान रही है...और यह मैं टीवी स्टूडियो में बैठकर नहीं, बल्कि एक भारतीय ग्रामीण की हैसियत से कह रहा हूं। मैंने गांव में देखा है कि बिजली न होने पर लोगों ने मनमोहन सिंह को सुनने के लिए नहीं, बल्कि मोदी को सुनने के लिए जनरेटर चलाया था और बारिश होने के बावजूद दूसरे के घर जाकर एक टीवी के सामने लोगों की भीड़ इकट्ठी होती चली गई। अपने ही गांव के एक बुजुर्ग मां का शब्द दोहरा दूं, उस कार्टून (हमारे प्रधानमंत्री) को क्या सुनूंगी, वो तो हर साल एक ही बात कह रहा है। मोदी जब भाषण देगा तो बुला लेना। दरअसल मोदी के भाषण से समस्या केवल चार तरह के जीवों को था.... 1) कांगेसी 2) तथाकथित बुद्धिजीवी यानी वामपंथी 3) कांग्रेसी शूटर पत्रकार 4) हताश- निराश व्यक्तित्व..... इसके अलावा किसी को कोई समस्या नहीं थी। #Sundeep_Dev
Posted on: Fri, 16 Aug 2013 09:24:15 +0000