बामसेफ का मौलिक लक्ष्य - TopicsExpress



          

बामसेफ का मौलिक लक्ष्य मीडिया में चार प्रकार का मीडिया है। पहला-इलेक्ट्रोनिक मीडिया है, जिस पर 100 फीसदी ब्राह्मणों का कब्जा है। दूसरा प्रिंट मीडिया है, जिसमें दो विभाग होते हैं, एक अखबार और दूसरा किताबों का प्रकाशन होता है। सारे प्रकाशन समूह ब्राह्मणों के ही है, और सारे अखबार जैसे टाईम्स आॅफ इण्डिया, इण्डियन एक्सप्रेस, दैनिक जागरण और अमर उजाला तथा इधर बंगाल में बंगाली भाषा में संभवतः भारत का सबसे ज्यादा बिकनेवाला ‘आनंद बाजार’ भी ब्राह्मणों का ही है, इण्डियन एक्सप्रेस लिमिटेड का मालिक विवेक गोयंका और टाईम्स आॅफ इण्डिया ग्रुप का मालिक विनित जैन है। हिन्दी के सभी अखबार भी उन्हीं लोगों के हैं। महाराष्ट्र में लोकमत है। इस तरह से सारे देश भर में जितने भी अखबार हैं वे सारे ब्राह्मणों के ही हैं। उसके बाद तीसरा मीडिया ट्रेडिश्नल (पारम्परिक) मीडिया है। मुरारी बापू, आशाराम बापू, डोंगरे महाराज, ओझा महाराज जैसे जितने भी महाराज लोग हैं, ये सारे-के-सारे लोग ब्राह्मण धर्म यानि असमानता के प्रचारक हैं। आम लोग इन्हें संत कहते हैं, जबकि ये लोग संत नहीं हैं, ये ब्राह्मण धर्म के प्रचारक हैं। ब्राह्मण धर्म का मतलब है भेद-भाव पैदा करना, असमानता पैदा करना और उसको बरकरार रखना। ये जितने भी कथित संत हैं, ये सभी लोग ब्राह्मणों के असमानता की पोषक धर्मग्रंथों का प्रचार करते हैं। इस तरह से ट्रेडिशनल मीडिया पर भी ब्राह्मणों का ही कब्जा है। चौथा मीडिया मौखिक मीडिया है। इस देश में लगभग 1562 भाषाओं के अंतर्गत 4500 बोली भाषा बोली जाती है। मगर इनमें से किसी भाषा को इस देश में शासन से मान्यता नहीं दी है। ब्राह्मण ग्रंथ भाषा बोलता है और ‘ग्रंथ भाषा’ ही लिखता है और शासन ने उसे ही मान्यता दी है। इस प्रकार लोकतंत्र के जो चार स्तम्भ हैं, इन सारे स्तम्भों पर ब्राह्मणों का कब्जा हैं। उसके अलावा मिलिट्री पर ब्राह्मणों का नियंत्रण है। राज्यों के राज्यपाल जो संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राज्यों पर नियंत्रण करते हैं, राज्यपालों पर भी उन्हीं का नियंत्रण है। विश्वविद्यालय, शिक्षा प्रणाली पर नियंत्रण करनेवाले उप कुलपति भी ब्राह्मण है। विश्वविद्यालयों पर उनका नियंत्रण है। सिलेबस पर भी ब्राह्मणों का नियंत्रण है अर्थात पढ़ने का अधिकार आपका जरूर होगा, परन्तु आपको क्या पढ़ना है यह तय करने का अधिकार सिलेबस के जरिये ब्राह्मणों का होगा। सारी किताबें लिखने का अधिकार ब्राह्मणों ने अपने नियंत्रण में रखा हुआ है। वो अपने हिसाब से किताबें लिखते हैं। उसके बाद उच्च शिक्षा (Higher Education), व्यवसायिक शिक्षा (Professional Education), सूचना तकनीकि (Information Technology), जैव तकनीकि (Bio-Technology), रिसर्च शिक्षा (Research Education) तथा विदेश शिक्षा (Foreign Education) पर भी सारा-का-सारा ब्राह्मणों के ही नियंत्रण में है। यानि लोकतंत्र के प्रत्येक स्तम्भों का मुखिया (Head of the department) ब्राह्मण ही होगा। राज्यों के जो मुख्यमंत्री हैं, उन्हें दिल्ली से नामित (Nominate) किया जाता है। सामान्य लोग समझते हैं कि राज्यों की सŸाा राज्य के लोगों के पास में है, यह गलत सोच है। क्योंकि केन्द्र जो ब्राह्मणों के नियंत्रण में हैं, अगर वे लोग मुख्यमंत्रियों को नामित करते हैं तो जो लोग नामित करते हैं, वास्तविक सŸाा उनके पास होती है, सŸाा उनके पास नहीं होती है, जिन्हें नामित किया जाता है। जबकि राज्यों की संवैधानिक व्यवस्था अलग है। फिर भी ब्राह्मणों ने राज्यों पर इस तरह से योजना बनाकर कब्जा किया हुआ है। इसलिए किसी को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि इस देश का वास्तविक शासक वर्ग ब्राह्मणों के सिवा कोई और है। इसलिए शासक वर्ग ब्राह्मणों ने इस देश में 83 करोड़ लोगों का प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 6 रूपये और अधिकतम 20 रूपये आमदनी में जीने के लिए बाध्यकारक स्थिति पैदा कर दिया है। ये 83 करोड़ लोग जो हमारे ही मूलनिवासी बहुजन समाज के लोग हैं। अगर 121 करोड़ में से 85 प्रतिशत निकाल दिया जाय तो 100 करोड़ लोग मूलनिवासी हैं, और 100 करोड़ लोगों में से हमारे 83 करोड़ लोग कम-से-कम 6 रूपये और अधिकतम 20 रूपये प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन की आमदनी में जीवन जीने के लिए मजबूर हैं। तो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ी जाति और इनसे धर्म-परिवर्तित लोगों के अन्दर जो लोग कर्मचारी और अधिकारी निर्माण हुए हैं, उनकी जिम्मेदारी बनती है कि इस मूलनिवासी बहुजन समाज में जो लोग पीछे छूट गये हैं और जो लोग जीवन के संघर्ष में पिछड़ गये हैं, उन्हें भी जीवन के संघर्ष में खड़े होने का अवसर उपलब्ध करायंे और उनका साथ-सहयोग करें। इसके लिए कर्मचारियों का यह बामसेफ नामक संगठन बनाया गया है। अवसर का लाभ लेकर जो लोग कर्मचारी और अधिकारी निर्माण हुए हैं उनको, उनकी समाज के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराने के लिए और सामाजिक ऋण से मुक्त होने के लिए कर्मचारियों का बामसेफ नाम का संगठन बनाया गया, ताकि समाज में पिछड़ गये लोग भी जीवन के हर क्षेत्र में संघर्ष करने लायक और सम्मानपूर्वक जीवन जीने लायक हो सकें। यह बामसेफ का मौलिक लक्ष्य है। ,(माननीय वामन मेश्राम जी के पेज से ) indianliberationnews/ mulnivasinayak/ mulnivasibamcef.org/ youtube/bamcefvideo Unlike · · 971132 · 3 hours ago · You and 96 others like this. 32 shares View 9 more comments Vijay Mulniwasi Ashok teri kyun fat gayi ... 51 minutes ago · Like Ravinder Langyan Ashok bhardwaj tu kuch jyada hi uchal rha h be 29 minutes ago · Like Amit Patel Options Shraddha Rawat and Anil Singh Patel like FabFurnish. 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Options Abhijit Pawde shared Gaurav Gavi Joshis photo. kis kis ka khun khaula.....??????????? रगों में अगर सच्चे हिन्दू का खून है तो इस पोस्ट के शेयर रुकना नहीं चाहिएं.... ताकि लोग गौ रक्षा करने पर मजबूर हो जाएँ...... kis kis ka khun khaula.....??????????? रगों में अगर सच्चे हिन्दू का खून है तो इस पोस्ट के शेयर रुकना नहीं चाहिएं.... ताकि लोग गौ रक्षा करने पर मजबूर हो जाएँ...... — with Bjp Delhi Suppoters and 49 others. Share · 6 hours ago · Saurabh Gangwar and 5 others like this. 4 shares Rama Kumar V It is horrifying 3 hours ago Ramawtar Yadav --------------------------- भीम - नीति -------------------------- -------------------------------------------------------------------------------------- ब्राह्मण को ब्राह्मण कहें वह खुश होता है लेकिन ब्राह्मण का सही संबोधन विदेशी-ब्राह्मण कह दे तो मोहन भागवत जैसा ब्राह्मण भी घबरा जाता है। -------------------------------------------------------------------------------------- See Translation Like · · Share · 4 hours ago · 8 people like this. Amit Patel Options Sudha Chaudhary likes a photo. Like Page Healing Hugs What a wonderful world it would be if people really did treat others how they want to be treated and loved others as much as they love themselves Lynn Poe Shared Hallelujah to KING Jesus — with Lenora Hanson and 49 others. What a wonderful world it would be if people really did treat others how they want to be treated and loved others as much as they love themselves Lynn Poe Shared � Like · · Share · 16,94267513,294 · 18 hours ago · Options Shivpratap Patel likes a photo. Options Er Patel Mukta was with Veerendra Verma. Like · · Share · September 4 at 4:13am · Balram Vemra, Piyush Patel, Shivpratap Patel and 10 others like this. View 2 more comments Narendra Verma tm ho kya mukta September 4 at 2:51pm · Like · 1 Er Patel Mukta Nhi @narender verma September 4 at 3:46pm · Like Narendra Verma accha tmhari sister hai September 4 at 3:48pm · Like Veerendra Verma love u beta September 4 at 9:25pm · Like · 1 Amit Patel Anurag Patel and Pawan Verma like a photo. Like Page Jai Durga Maa! Jai Durga Maa! �
Posted on: Sun, 20 Oct 2013 10:03:33 +0000

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