बकरा कसाई से दोस्ती करना - TopicsExpress



          

बकरा कसाई से दोस्ती करना चाहता है। बकरे का खयाल है कि दोस्ती हो जाएंगा तो कसाई उसका गरदन काटना बंद कर देंगा। इसकारण, उसने कसाई को इम्प्रेस करने का ट्राई किया, मैं शाकाहारी है। कसाई बोला, रहो। मेरे को कोई प्रॉब्लम नहीं है। बकरा बोला, मैं अहिंसावादी है। कसाई बोला,रहो। मेरे को कोई प्रॉब्लम नहीं है। बकरा बोला,तो क्या मान ले कि अब तुम मेरा गरदन नहीं काटेंगा। कसाई बोला, तुमको मिसअंडरस्टैंडिंग है। तुम्हारा गरदन मैं नहीं, ये छुरा काटता है। लेकिन, मेरा गरदन काटने से छुरे को क्या फायदा? बात फायदा का नहीं है, स्वभाव का है। काटना छुरे का स्वभाव है। लेकिन, छुरा साग भाजी बी तो काट सकता है? काट तो सकता है। पन,छुरा बोलता है - मैं अपना स्वभाव नहीं बदलेंगा। मगर, छुरा तो तुम्हारा हाथ में है। तुम उसको समझाओ न। देखो,वो अपना मरजी का मालिक है। मैं छुरे का आजादी नहीं छीन सकता अब, आजादी तो जन्मसिद्ध अधिकार होता है। और, छुरा का मामला में तो वो मृत्युसिद्ध अधिकार बी होता. वैसे,बकरे को एक बात पता नहीं है। कसाई आदमी होते हुए बी सिरफ आदमी नहीं होता। धंधा बी होता है। और, दुनिया में कोई अपना धंधा बंद नहीं करता। एक बात और, कसाई सिरफ धंधा नहीं है, एक भावना बी है। एक परंपरा है। एक सोच है। ऐसा सोच जो चाहता है कि दुनिया भर का बकरा उससे डर कर रहे, हम्मेशा। *** जब तक बकरा डरता रहेंगा,कसाई डराता रहेंगा। जो डर गया सो बकरा !****** अगर, बकरा को बकरा बन कर नहीं रहना है, तो उसको ये डर से बाहर निकलना होएंगा। कैसे? यह सोचना बकरा लोग का काम है। चर्चा काफी डरावनी हो गयी। चलो, एक चुटकुला सुनो। एक शांतिवादी एक आदमी को पूछा, तुम्हारा पड़ोसी भला है। बिलकुल। शांतिप्रिय है?बिलकुल। तो, तुम बंदूक कायकू साथ रखता है? ताकि वो भला और शांतिप्रिय बना रहे। जोक समझा?जो नहीं समझा, वो बकरा नहीं गधा है! इसमें कोई शक नहीं कि शांति बहुत अच्छा चीज होता है। लेकिन, उसको कायम करना पड़ता है। और, वो गरदन कटवाता रहने से कायम नहीं होने वाला। बकरा आशावादी है। वो इंसानियत का बात करता है। सद्भावना का बात करता है। अहिंसा का बात करता है। शराफत का बात करता है। सहानुभूति का बात करता है। करुणा का बात करता है। बकरा को उम्मीद है कि एक दिन कसाई का दिल पसीज जाएंगा। काश ऐसा हो जावे। लेकिन एक हकीकत ये बी है - जिसका दिल पसीजता है, वो कसाई नहीं होता और आज का आशावादी बकरा है हम तुम। सोचो. palk srivaastv ji की प्रोफाइल से ..साभार See Translat
Posted on: Fri, 18 Oct 2013 17:56:59 +0000

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