मुहम्मद का दिब्य ज्ञान - TopicsExpress



          

मुहम्मद का दिब्य ज्ञान (मुहम्मदी इलाज ) "नीम हकीम खतराए जान" .... शायद मुहम्मद के इलाज करने की विधि और दवा के बारे में जानकर लोगों कहा है कि "नीम हकीम खतराए जान और नीम रसूल खतराए इमान मुहम्मद एक चलती फिरती दवा की दुकान था. वह हर मर्ज की दवा अपने मुंह में रखता था और अपने थूक से इलाज करता था. लेकिन इसका कोई प्रमाणिक रिकार्ड नही मिलता है कि मुहम्मदी इलाज से कितने लोग ठीक हुए और कितने मर गए. अगर किसी मुस्लिम के पास रिकार्ड हो तो प्रकाशित करे. देखिये मुहम्मदी इलाज कि विधि - 1 सांप काटने पर - "सुहैल इब्न हनीफ ने कहा कि,रसूल ने कहा ,यदि सांप काट ले तो ,कुरआन की किसी भी आयात को बोलकर अपना थूक काटने की जगह लगा दें ,और दुआ करें .अबू दौउद-जिल्द 3 किताब 28 हदीस 3882. "अबू सईद ने कहा कि ,एक बार रसूल अपने लोगों के साथ एक गाँव जा रहे थे .रास्ते में किसी को सांप ने कटलिया .लोगों ने रसूल से उपाय पूछा,रसूल ने काटने कि जगह अपना थूक लगा दिया .बुखारी -जिल्द 3 किताब 36 हदीस 476. 2 पागलपन का इलाज - "मलाकाहबिन सहर ने कहा कि लोग रसूल के पास एक पागल (lunetic )को लेकर आये .और उसे ठीक करने को कहा.रसूल ने अपना ढेर सा थूक उसके चहरे पर मॉल दिया .अबू दौउद -जिल्द 2 किताब 28 हदीस 3849. 3 -सर दर्द का इलाज - "सलाम ने रसूल से कहा कि ,मेरे सर दर्द है ,और पैर भी दुःख रहे हैं,रसूल ने हिना(मेंहदी ) के साथ अपना थूक मिलाकर सर पर लगा दिया.और मैंने अपने पैरों में लगा दिया .अबू दौउद - जिल्द 3 किताब 28 हदीस 3849. 4 नस कट जाने का इलाज - "जाबिर बिन अब्दुल्ला ने कहा कि,उबै बिन काब कि नस कट गयी थी ,रसूलने फ़ौरन कटी हुई जगह पर अपना थूक लगा दिया .और उबे को दुआ करने को कहा .अबू दौउद -जिल्द 3 किताब 27 हदीस 3855. 5 -गंजेपन का इलाज - "अब्दुला इब्ने अबास ने कहा कि,रसूल कहते थे कि सुरमा (Antimony) के साथ मेरा थूक लगाने से गंजापन मिट जाता है .और नजर तेज हो जाती है .अबू दौउद -जिल्द 3 किताब 28 हदीस 3869. 6 -दुबलेपन का इलाज - "आयशा ने कहा कि ,मेरी माँ चाहती थी कि मैं मोटी हो जाऊं ,रसूल के खीरा (Cucumber )और खजूर (Dates) के साथ अपना थूक मिला कर मुझे खिलाया .अबू दौउद जिल्द 3 किताब 28 हदीस 3894. 7 -आँख का इलाज - "सहल बिन साद ने कहा कि ,खैबर की लूट के समय अली की आँख में जख्म होगया था .रसूल ने फ़ौरन अली की आँख में थूक दिया .और दुआ करने को कहा.बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 192. 8 -पैरों के घाव का इलाज - "याजिद बिन अबू उबैद ने कहा कि खैबर की लुट में अबू मुस्लिम के पैरों में घाव हो गया था .रसूल ने तुरंत अपना थूक निकला और मुस्लिम के घाव पर लगा दिया .बुखारी -जिल्द5 किताब 59 हदीस 517. 9 -मक्खी से दवा - "अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,यदि किसी खाने पीने की चीज में मक्खी गिर जाये ,तो मक्खी को उसी चीज में पड़े रहने दो ..फिर मक्खी के पैर निकाल कर उसे खा जाओ. मक्खी के पैरों में जहर होता है, और मक्खी कई रोगों की दवा है.बुखारी -जिल्द 7 किताब 71 हदीस 673. 10 -हर रोग की दवा - "अबू बुरदा ने कहा कि हम लोग एअसुल के साथ मदीना आ रहे थे. रस्ते में एक गाँव में रसूल ने सारे गाँव के लोगों को इकठ्ठा किया, और एक बड़े बर्तन में पानी भरवाया .फिर उस पानी से कई बार कुल्ला किया, और पानी में अपना थूक डाल दिया .और लोगों से कहा कि अब इस बर्तन का पानी "तिर्याक" यानि सब रोगों की दवा बनगया है .इसे पियो और अपने बच्चों को पिलाओ .बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 617. इतना पढ़ने बाद भी यदि कोई व्यक्ति यह माने कि इस्लाम एक धर्म है ,कुरान ईश्वरीय किताब है.और मुसलमानों में अक्ल होती है,तो ऐसे व्यक्ति को अपनी बुद्धि का इलाज करा लेना चाहिए .शायद यही कारण है कि आजतक मुसलमानों में कोई बड़ा बैज्ञानिक ,या अविष्कार करने वाला नहीं हुआ है .सभी मुहमद कि तरह अनपढ़ और जाहिल है #बाबा_जी
Posted on: Sat, 14 Sep 2013 10:15:55 +0000

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