मेरा एक करीबी दोस्त के - TopicsExpress



          

मेरा एक करीबी दोस्त के पिताजी का देहांत हो गया इसलिए आज सुबह सुबह एक उनके चौथे मे गया था । श्रध्धांजली देते वक्त सब लोग उस भले आदमी के लिए दो चार शब्द बोल के परिवार को आश्र्वासन दे रहे थे । जब मेरी बारी आई तो मुझे समझ नही आया की ऐसे वक्त क्या बोलना चाहिए । पर हमे हमारे अखबारो के बोल याद आ गये और हमने बोल दिया की "चाचा बहोत भले इन्सान थे और हमे उनकी मौत से दुख होना चाहिए क्योकि हमे तो जब हमारी गाडी के नीचे कोई कुत्ते का बच्चा कुचल जाता है तो भी दुख होता है ।" बस हमारा इतना कहना था की पूरे परिवार मे हडकंप आ गया । मेरा दोस्त मुझे गालिया देने लगा, पर हमारा नसीब अच्छा था की वहा पर कुछ भाजपाई बुध्धीजीवी भी मौजूद थे जिन्होने इस प्रकार की श्रध्धांचली को वाजीब ठहराते हुए मुझे बचा लिया और इतना ही नही पर मेरी इस प्रकार की श्रध्धांजली को बिनसांप्रदायिक बताते हुए तालिया भी बजाइ । हमने दोस्त से कहा की अभी अभी अखबारो मे रोज इस तरह की श्रध्धांजली पढने मे आती थी इसलिए हमने सोचे बगैर बोल दिया । हमने तहे दिल है माफी मांग ली । दोस्त समझदार था इसलिए मुझे माफ कर दिया । फिर हम तुरंत ही बहार आ गये ऐडमिन 12
Posted on: Mon, 12 Aug 2013 09:09:21 +0000

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