मेरा हिन्दुस्तानी ही इसे पढेगा . मै देर रात गये एक सपना देखता हूँ भारत-पाक युद्ध का घमासान छिङा है लोग घरो मे छिपे है मार काट मची है| मै टेलीविजन पर न्यूज देख रहा था तभी घुसपैठिये एंकर को गोली मार दिये और हिन्दुस्थान पर अपना कब्जा जमाने का रोना रोने लगे| तभी रेडियो बजा प्रधानमंत्री मनमोहन सिँह ठिठक के अंग्रेजी मे कुछ बङबङाने लगे वे पाक हमले की कङी निँदा कर रहे थे और अपनी सरकार से धीमी कार्यवाही और युद्ध घोषणा की माफी माँग रहे थे| जिस वजह से घुसपैठिये अंदर तक घुस आये तभी मेरी छत का दरवाजा खट खट हुआ| मै आशंकित था कुछ तो है भागा भागा छत पर गया दरवाजा खोल मुझे एक बाहर से धक्का लगा मेरे सीने मे खंजर घौँप दिया था घुसपैठिये यहाँ तक आ गये थे मुझे अंदाजा तक न था और आखिर मे उस खंजर को अपने दायेँ हाथ से निकालने की कोशिश मे मै जमीन पर गिर पङा आँखे चारो तरफ अल्ला हु अकबर की धुंधली तस्वीरे देखते ओझल होने लगी तभी मेरी नीँद अचानक खुली आँखो का पानी पूरे गालो को गीला कर चुका था| . (इस सपने को मै कभी सच न होने दूँगा मोदीजी को वोट दूँगा)
Posted on: Sun, 27 Oct 2013 01:56:19 +0000