मेरे बुद्धिमान मित्रों ! - TopicsExpress



          

मेरे बुद्धिमान मित्रों ! मेरी बात समझना | पहले तो अन्ना हज़ारे को महाराष्ट्र के बाहर कोई भी नहीं पहचानता था | इस देश ने अन्ना को पहली बार 27 फरवरी 2011 , रविवार , स्वामी रामदेव जी द्वारा आयोजित भ्रष्टाचार के खिलाफ रैली जिसका नाम भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध (youtube/watch?v=6nYwrKqiYFw&feature=related) रैली आयोजित की जहाँ लाखों लोग उपस्तिथ थे आप इस रैली की विडियो YOUTUBE चैनल पर देख सकते हैं ! पहली बार उत्तर भारत में स्वामी रामदेवजी द्वारा आयोजित इस कार्येक्रम में अन्ना को लोगों ने देखा व सुना | उस वक्त उन्होंने अपना परिचय दिया साथ ही वहाँ जमा भीड़ को देख अन्ना के भीतर ऐसा उत्साह उमड़ा कि उन्हें भी चाह होने लगी ऐसी क्यों न अनशन से भीड़ के रुख को स्वयं की ओर मोड़ दिया जाय | जबकि वहाँ उपस्थित सुब्रमनियन स्वामी व विश्वबंधु गुप्ता जी ने कड़े शब्दों में कांग्रेस कि द्वारा फैलाए जा रहे भ्रष्टाचार कि कड़े शब्दों में अपनी बात रखी जिसे किसी समाचार चैनल में दिखा तक नहीं गया क्योंकि जहाँ मीडिया को काँग्रेस खौफ था ! वहीं काँग्रेस को स्वामी रामदेव जी से भय प्रतीत हुआ | काँग्रेस किसी भी कीमत पर स्वामी रामदेव के समर्थन में जुटे लोगों को इकठ्ठा देखने वाली बात को हजम नहीं कर पा रही थी और इस जमा भीड़ को बाटने के लिए अन्ना हजारे को प्रायोजित रूप से सामने लाया गया ! कुछ दिनों बाद अन्ना अनशन हुआ , मीडिया के प्रचार के बाद कुछ लोग इकट्ठे हो ही गए फलस्वरुप joint comitte कि बात तय हुई अन्ना को लगा वे जीत रहें, उन्हें ऐसे लगा पहेले round में ही मीडिया व जनता उनके साथ है | अब काँग्रेस को लगा कि स्वामी रामदेव के समर्थकों ने अन्ना कि ओर रुख कर लिया है ! 4 जून 2011, आते आते बाबा रामदेव जी के अनशन में फिर लाखों लोग जमा हो गए , काँग्रेस कों भय हुआ और रातों रात लाठी चलवा दी हत्या कि साजिश रची गयी ताकि जमा लोगों कों स्वामी रामदेव जी जैसा नेतृत्व फिर न मिल सके लेकिन स्वामी रामदेव कों मिटाने में कामयाब नहीं हो पाए जिसका दुःख दिग्विजय सिब्बल जैसे लोगों कों आज भी है | अब कांग्रेस फिर से चिंतित थी किस प्रकार स्वामी रामदेव के समर्थकों कों हमेशा के लिए तोड़ मोड़ दिया जाए और रामलीला में कि अलोकतांत्रिक रूप से रची गयी रावणलीला के दाग कों किसी तरीके से मिटाना है ! इसका उपाए में कोंग्रेस कों अन्ना हजारे ही सूझे | अब तो लोग समझ गए कि स्वार्थी सरकार इस देश के लोकतंत्र कों कुचल सकती है | इसके बचाव के लिए फिर अन्ना हजारे कों खड़ा किया गया चुकीं अन्ना टीम में ऐसी लोगों कों भर लिया जो पक्के सरकारी थे ! तो यह और भी आसान था | 4 जून के एक अन्ना ही बचे थे जो कानून व नियम के पालन की बात कर रहे थे | कानून के पालन के बात कों सिद्ध करने के लिए जेल ले जाया गया व दुनिया भर कि नौटंकी हुई जिसे शायद अन्ना नहीं समझे लेकिन भूषण अग्निवेश व अन्य इस नौटंकी से भली भांति परिचित थे | अन्ना का अनशन शुरू हुआ और सरकार जान भूझ के उनके अनशन कों इतना खींचा एक जगह स्वामी रामदेव जी 12 घंटे अनशन में रामलीला मैदान से खदेड़ दिये गए और अन्ना 12 दिन तक वहां अनशन करते रहे जिस जगह अन्ना से भी बड़े बड़े धुरंदर पूर्व कानून मंत्री डॉक्टर सुब्रमनियन स्वामी , डॉक्टर हरिओम पवार , पूर्व इनकम टेक्स कमिश्नर और वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के वकील श्री राम जेठ मनाली जी और बहुत सारे ऐसे नाम फिर उसके बाद उसी जगह 27 अगस्त 2011 ,शनिवार अन्ना हजारे अकेले ही अनशन ड्रामा कर रहे थे ! उस ड्रामे में जनता को आश्वासन दिया गया था! की हम अन्ना हजारे तब तक अनशन नहीं तोड़ेंगे की जब तक लोक पाल पास न हो जाए फिर हम जैसे लोगों ने कहा अन्ना जी अनशन तोड़ दीजिये और अपना आन्दोलन चालू रखिये पर अन्ना जी का ड्रामा तो फिक्स ( FIX ) था कांग्रेस के साथ आप सभी को पता होगा की अन्ना जी को प्रधान मंत्री पत्र देने वाला व्यक्ति महाराष्ट्र का पूर्व मुख्य मंत्री विलास राव देशमुख था जिसने शहीद भारतीये सेनिकों की विधवाओं के मकान हडपे थे आदर्श घोटाले में ऐसे व्यक्ति से पत्र लेकर अपना अनशन ड्रामा ख़तम करना ! और जो व्यक्ति वहां हजारों बार ये कह चूका था की भैया मानसून सत्र में ही लोक पाल पास होना चाहिए पर नहीं हुआ अन्ना जी ने कहा था की लोक पाल जनता के लिए है इसे मानसून सत्र में ही पास करो पर सरकार भी तो अपने गले फंदा थोड़ी डालना था लोक पाल को मानसून सत्र में पेश भी नहीं किया गया और मात्र 3 शर्तों पर अन्ना वहां से भाग लिए और बेफिजूल में जीत का जश्न नाम का ड्रामा दिखाया दुनिया को तो मेने सोच क्या भाई लोकपाल नाम का एक कानून पास हो गया क्या जिसे पास करने के लिए अरुण दास और दिनेश यादव नाम के दो देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दी पर सब ड्रामा अन्ना का कांग्रेस द्वारा करवाया गया ड्रामा ! धीरे धीरे अन्ना की टीम में छुपे कांग्रेस के चापलूसों व देशद्रोहीयों का पर्दाफाश हुआ जिन्होंने देश कों गुमराह किया !अन्ना आन्दोलन ने देश को अभी तक कुछ नहीं दिया और शायद मिले भी ना क्योंकि ये सब स्वामी रामदेव जी के आन्दोलन को दबाने के लिए किया गया एक ड्रामा था ! जिसे मीडिया ने भी खूब दिखाया और भोली भली जनता को खूब मुर्ख बनाया गया ! और ये ड्रामा इसलिए भी था की स्वामी रामदेव जी के समर्थक स्वामी जी को छोड़ कर अन्ना का ड्रामा ज्वाइन कर लें ! भारतीय मीडिया अगर 27 फरवरी की रैली को दिखा देता तो शायद आज लोक पाल भी पास हो जाता और काला धन भी वापस आ जाता आप सभी को बता देना चाहता हूँ की स्विस बैंक में जो भारत के भ्रष्ट नेताओं अधिकारीयों का काला धन जमा है उस की जनसँख्या 70 लाख है क्या हमें पहले काला धन वापस लाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए ! पाकिस्तान , इंडोनेसिया , अमेरिका और जर्मनी अपना काला धन youtube/watch?v=fCVJdVqeRMs&featur अपने देश में वापस ले आये क्या हमें नहीं लाना चाहिए ? अंत: में यही कहूँगा स्वामी रामदेव जी कों समर्थन कीजिये इस भारत स्वाभिमान यात्रा कों तीर्थयात्रा समझे जो आने वाले समय में सुख समृद्धि लाएगी | भारत माता की जय हो वन्देमातरम ! भारत मे चल रहे आंदोलनो का सच और कुछ भ्रष्टाचारियों का षड्यंत्र ! आगे आपकी राय ज़रूर देखें और पढ़ें ! राष्ट्र मण्डल खेलो में हुये भ्रष्टाचार के खिलाफ 14 नवंबर 2010 को योग ऋषि रामदेवजी महाराज के नेतृत्व में जंतर मंतर पर आयोजित विशाल जनसभा में घोटालो की पोल खोली गई तथा इस महाघोटाले की पुलिस में F IR दर्ज कराई गई । इस विशाल जन आंदोलन में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट सहित अनेक राष्ट्र भक्त संगठन ने भी सक्रिय भूमिका निभाई । ये संगठन है - भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन न्यास, नवज्योति जस्टिस एण्ड पीस कमीशन, दिल्ली केथोलिक आर्च डाओसिस, सर्वधर्म संसद, परिवर्तन, फोरम फार बायोटेक्नोलोजी एण्ड फूड टेक्नोलाजी एवं क्रांति । इस विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए स्वामी रामदेव भारतवासियो से अपील की है कि अब जागने का समय आ गया है। यदि हम अब भी नहीं जागे तो जैसे पहले देश का 300लाख करोड़ रु. लूट लिया गया वैसे ही लूट- लूट कर देश को कमजोर व दरिद्र बनाने का सिलसिला जारी रहेगा । योग ऋषि रामदेवजी महाराज के नेतृत्व में डॉ किरण बेदी, श्री अन्ना हज़ारे, दिल्ली के आर्च विशप श्री विन्सेंट कांसेसाओ, स्वामी अग्निवेश, श्री अरविंद केजरीवाल, श्रीमति मल्लिका साराभाई, श्री देवेंद्र शर्मा, धर्मगुरु सैयद कल्बे रुसेद रिजवी, श्री प्रशांत भूषण, जस्टिस डी.एस॰ तेवदीया, मौलाना मुफ़्ती शमुन काशमी व अन्तराष्ट्रीय खिलाड़ी सुनीता गोधरा ने संसद मार्ग थाने में लिखाई रिपोर्ट पर साझे हस्ताक्षर किए । स्वामी रामदेव जी, अन्ना हज़ारे और डॉकटर किरण बेदी सब एक ही साथ एकमंच पर थे और एक होकर ही इन्होने कलमाडी को तिहाड़ का रास्ता दिखाया और हवालात तक पहुँचाया पर अब क्या हो गया है की ये सब अलग अलग बिखर गये हैं मे अन्ना हज़ारे जी से प्रार्थना कर रहा हूँ की स्वामी रामदेव जी के सामने किसी भी प्रकार की कोई शर्त ना रखें क्योंकि आजतक उन्होने भी आपके सामने कोई और किसी भी प्रकार की शर्त नही रखी है ! आप दोनो का उद्देश्ये एक ही है जनता की भलाई और भारत को संपूर्ण आज़ादी दिलाना तो रास्ते अलग अलग क्यों जेसे कलमाडी को तिहाड़ पहुँचाया वैसे ही अब इन सब देशद्रोहियों को भी पहुँचाओ आप दोनो के अलग अलग कार्य करने से भोली भाली जनता का नुकसान हो रहा है अन्ना जी स्वामी रामदेव जी से हाथ मिला कर जल्दी से जल्द स्वामी रामदेव जी को भी इस आंदोलन से जोड़ो फिर देखो इन काले अँग्रेज़ों का हाल क्या होता है! आज़ादी की दूसरी लड़ाई और संपूर्ण आज़ादी के लिए आप दोनो का एक होना बहुत ज़रूरी है और ये लड़ाई बहुत आसानी से जीती जा सकती है आप सभी का एक होना भारत के लिए बहुत ज़रूरी है ! भारत माता की जय हो ! वन्दे मातरम वन्दे मातरम !!! bharatswabhimantrust.org/bharatswa/Tamp/Fainal%20News.aspx bharatswabhimantrust.org/bharatswa/Tamp/p
Posted on: Thu, 26 Sep 2013 17:01:49 +0000

Trending Topics



Recently Viewed Topics




© 2015