यह एक सत्य घटना है . मेरी - TopicsExpress



          

यह एक सत्य घटना है . मेरी फ्रैंड और उसके पति वर्षो के प्रेम के बाद पारिवारिक रजामंदी से विवाह बंधन में बंधे . सभी बहुत खुश थे . किन्तु शादी के बाद पति हमेशा चिडचिडा और गुस्से में रहने लगा . बहुत कुरेदने पर वह अपनी पत्नी पर चिल्ला उठा . उसके परेशानी का कारण उसके अनुसार उसकी पत्नी का वर्जिन नही होना था . मेरी मित्र के समझाने के तमाम प्रयासों पर भी उसके पति का अविश्वास /शक भारी पडा . आपस में लगातार बढ़ते हुए तनाव की वजह से तलाक की भी नौबत आ गई . शादी के २ महीने के अन्दर ही दोनों अदालत के दरवाजे पर खड़े थे . यह कार्यवाही चल ही रही थी की मित्र की सास का कॉल मित्र के पास आया . सारी बाते जानने के पश्चात वह तुरंत आई और अपने बेटे को साथ लेकर वो शहर के मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास गई . डॉ. ने उसे कौमार्य झिल्ली की नाजुकता और उसके साधारण स्पोर्ट गतिविधियों में भी टूट जाने के बारे में बताया . तब उसे एहसास हुआ की वह कितनी बड़ी गलती कर रहा था . स्पोर्ट में अव्वल रहने वाली पत्नी के ऊपर वह बेवजह ही इतना बड़ा अन्याय कर रहा था . उसने अपनी पत्नी से तुरंत आके माफ़ी तो मांग ली . समझदार सास की वजह से दोनों का विवाह भी सामान्य हो गया होगा . लेकिन क्या यह मुमकिन है की मेरी मित्र शादी के तुरंत बाद के उन वीभत्स दिनों को भूल जाए ? क्या उसके वह सुहाने दिन फिर से वापस आ पाएंगे ?
Posted on: Tue, 30 Jul 2013 14:58:34 +0000

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