राहुल ने मां, दादी, पिता - TopicsExpress



          

राहुल ने मां, दादी, पिता की कहानियों के बाद अब खुफिया विभाग के दारोगा जी का उल्लेख कर यह साबित कर ही दिया कि क्यों गांधी परिवार भारत की सभी संस्थाओं से उपर है। अब, यदि गांधी देश की खुफिया जानकारियों की ब्रीफिंग लिया करते हैं तो यह भयानक लक्षण है। हमें यह शक करने में कोई समस्या नहीं है कि सरकार राजनीतिक कार्यक्रम में इंटेलिजेंस ऐजेंसियों और सीबीआई जैसी संस्थाओं का दुरूपयोग करने की पराकाष्ठा पर पहुंच चुकी है। और दूसरी बात कि, राहुलजी, यदि पाकिस्तान की आईएसआई मुजफफरनगर के दंगा पीडि़त मुस्लिमों के संपर्क में हैं तो सवाल दो हैं? स्थानीय पीडि़त समाज,समुदाय पढ़ें मुस्लिम, आईएसआई का सहयोग और सदभावना क्यों ले रही है? यदि ले रही है तो फिर कांग्रेस समेत तमाम पंथनिरपेक्ष दलों के 67 सालों के मुस्लिम समाज के ‘विकास’, ‘सुरक्षा’ और ‘न्याय’ के दावों का हम क्या करें? सबसे बड़ा सवाल तो है कि हमारी खुफिया ऐजेंसियां ऐसा होने कैसे दे रही है, राहुल जी? बड़ी विडंबना है और छदम सेकुलरवादी ऐसे सवालों को संध और सांप्रदायिक कहकर किनारा कर देंगें। उधर एनडीटीवी पर रवीश का कार्यक्रम प्याज जैसे मसले पर बहस कर रहा है जबकि पी सी पारेख के कोयला मंत्रालय में माफियाओं की मौजूदगी और प्रधानमंत्री द्वारा सीबीआई की जांच के लिए तैयार होने के बयान दूरगामी और संवेदनशील विषय हैं। एनडीटीवी ने कल पूरे दो धंटे, नौ से ग्यारह बजे तक, राहुलगांधी के भाषण पर एक ही प्रकार की चर्चा पर मगजमारी की थी और यह पता कीजिए कि वंजारा के पत्र पर कितने कार्यक्रम किए थे इस चैनल ने, जिसके पत्र की कोई इंवेस्टिगेटिव वैल्यू नहीं है। यह चैनल सरकारी प्रवक्ता ही बनता जा रहा है।
Posted on: Thu, 24 Oct 2013 15:57:43 +0000

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