वैसे तो पुरे हिन्दुस्तान - TopicsExpress



          

वैसे तो पुरे हिन्दुस्तान मैं अन्धविश्वासी भरे परे हैं लेकिन पहाड़ों मैं (उत्तराखंड और हिमाचल ) मैं इसकी मान्यता अकल्पनीय है , पौड़ी और गढ़वाल के दो लोग मेरे घर मैं काम करते थे और उनके जीवन के हर समस्या का हल झार-फूँक से ही संभव था , एक को पेट की समस्या थी तो उसे बैगन चढाने किसी मंदिर पर जाना होता था (कम से कम ३ बार ) दुसरे को भूलने की बिमारी थी तो माँ ने बुलाया की से बात हो गयी है पूर्णिमा के दिन एक मंदिर मैं पूजा करवाने पर बुरी आत्माएं चली जायेगी ,...... अभी की आपदा भी गढ़वालियों के हिसाब से माँ धारी के प्रकोप से आया है जो की काली का रूप हैं और अलकनंदा नदी मैं इनका मंदिर था जिसे पॉवर प्रोजेक्ट के चलते एक जगह से हटा कर दुसरे जगह पर कर दिया गया था ..... (जगह के लिए भगवान् इतने संवेदनशील और हिंसक ??? ) इन लोगों को अभी भी समझ मैं नहीं आता की नदी किनारे घर वो भी सीमेंट और सरीया का बना बना कर अपने ही पहाड़ को कमज़ोर कर रहे हैं !!
Posted on: Fri, 28 Jun 2013 07:05:21 +0000

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