सौजन्य से : Deepak Sharma , Editor, - TopicsExpress



          

सौजन्य से : Deepak Sharma , Editor, Investigations at # खाज_तक News Channel ड्रेकुला पालिटिक्स जानते है आप ? नही जानते तो आगे पढिये . आपको याद ना आये तो यह घटनाएँ और ऐसी कई और घटनाएँ पहले गूगल पर सर्च कर लीजिए . १) रामपुर तिराहा कांड. उत्तराखंड आंदोलनकारियों पर अंधाधुन्द फायरिंग. २) पूर्वी यू पी में डाला सीमेंट फैक्ट्री. अपने चहेते उद्योगपति को सरकारी फैक्ट्री पर कब्ज़ा दिलाने के लिए मासूम मजदूरों पर गोलियाँ बरसाईं. ३) अयोध्या जा रहे सैकड़ों कारसेवकों पर गोलीबारी. ४) और अब अलग अलग शहरों में दंगो के वक्त पुलिस फाएरिंग फेहरिस्त लंबी है मित्रों. मुलायम सिंह यादव की सरकार में गोली दुर्भाग्यवश या गलती से नही चलती. बल्कि सरकारी बन्दूक से निकली हर गोली के पीछे कोई ना कोई वजह होती है और अधिकतर गोलीकांडो में राजनीतिक लाभ छुपा होता है. मिसाल के तौर पर मुलायम उत्तराखंड राज्य के पक्ष में कभी नही रहे क्यूंकि इन पहाड़ों में मुस्लिम -यादव समीकरण का अभाव था. मुलयम जानते थे की उत्तराखंड अलग होगा तो समाजवादी पार्टी का फायदा कम नुकसान ज्यादा होगा. इसलिए रामपुर तिराहा कांड हुआ. चुन चुन कर मासूमों को पुलिस फायरिंग में ढेर किया गया कारसेवकों पर गोली चलाने के पीछे भी वोटों का ध्रुवीकरण था. इसका लाभ मिला मुलायम को जब उन्होंने १९९३ में दुबारा अपनी सरकार बनाई. कारसेवकों के छलनी सीने से मुलायम को नया राजनीतिक जीवनदान मिला. ,,,,और अब यूपी में दंगा दंगा खेला जा रहा है. मकसद है की लोकसभा चुनाव आते आते राज्य में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण इतना ज़बरदस्त कर दिया जाय की मुस्लिम कांग्रेस और बीएसपी में ना बंट कर सीधे सपा की सायकिल पर सवार हो. मुलायम सिंह अपने आखरी दांव में पी एम् की बाजी लूटना चाहते है और इस लूट में उन्हें लाशों के ढेर पर राजनीत करने से परहेज़ नही है. वे राजनीत को नई परिभाषा नया नाम दे रहे है. ड्रेकुला पालिटिक्स. मित्रों इस श्रृंखला में बेबाक बातचीत होगी क्यूंकि दंगो के सन्दर्भ में फेसबुक पर ही अब श्वेत पत्र ज़ारी करना है.
Posted on: Tue, 10 Sep 2013 06:59:40 +0000

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