समायोजन में बेसिक शिक्षा सचिव तलब ::- Kushinagar | अंतिम अपडेट 11 अगस्त 2013 ---------------------------------------------- पडरौना। बिना पदोन्नति के ही समायोजन किए जाने के मामले में उच्च न्यायालय ने बेसिक शिक्षा सचिव को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। बिना पदोन्नति के ही उच्च प्राथमिक विद्यालय में समायोजित प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक दुर्गेश त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह फरमान सुनाया है। कुशीनगर में बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक दुर्गेश त्रिपाठी ने न्यायालय में याचिका दाखिल कर यह बताया था कि 21/07/2011 को प्राथमिक विद्यालय के विज्ञान अध्यापकों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित/स्थानांतरित कर दिया गया। जबकि शासनादेश के अनुसार विज्ञान अध्यापकों का पद प्रोन्नति का पद है। सर्वप्रथम प्राथमिक के प्रधान अध्यापकों को जो विज्ञान के आधार पर नियुक्त हैं को पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में समायोजित किया जाए। इसके बाद भी अगर सीटें रिक्त रह जाती हैं तो शासनादेशानुसार प्राथमिक विद्यालयों के विज्ञान अध्यापकों को वरिष्ठता सूची बनाकर पदोन्नति देते हुए समायोजित किया जाए। न्यायालय में दाखिल याचिका में याची ने बताया है कि शासनादेश का उल्लंघन करते हुए उन लोगों को पदोन्नति दिए बिना ही समायोजित कर लिया गया। जबकि उन लोगों को पदोन्नति मिलने के साथ वेतन भी उसी आधार पर मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता के रिट पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश वीके शुक्ला ने बेसिक शिक्षा सचिव को शपथ पत्र दाखिल कर जवाब देने का निर्देश दिया है। बता दें कि समायोजन पर शिक्षण कार्य करने वाले करीब 53 शिक्षक हैं जो प्रोन्नति पाने के दावेदार हैं।
Posted on: Sun, 11 Aug 2013 14:35:03 +0000
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